उदयपुर, उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान, डिफरेन्टली एबल्ड क्रिकेट कौंसिल ऑफ इण्डिया व व्हीलचेयर क्रिकेट इण्डिया एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में 27 नवम्बर से 3 दिसम्बर तक उदयपुर में तृतीय नेशनल व्हील चेयर क्रिकेट चैम्पियनशिप – 2022 का आयोजन होगा। राजस्थान में ऐसा आयोजन पहली बार हो रहा है।
यह चैम्पियनशिप दिव्यांगों में खेलों के प्रति रुचि पैदा करने, प्रतिभागियों को सशक्त बनाने और देश के समग्र विकास में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक ‘मील का पत्थर‘ होगा।
संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि इस चैम्पियनशिप में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बड़ौदा, राजस्थान, गुजरात, मुम्बई, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना की कुल 16 टीमों के 300 व्हीलचेयर क्रिकेटर्स हिस्सा लेंगे। इस खेल कुंभ के सफल संचालन में विभिन्न क्षेत्रों के 100 से अधिक क्रिकेट विशेषज्ञ एवं अधिकारी अपना योगदान देने के लिए उदयपुर आयेंगे।
चैम्पियनशिप के सफल आयोजन की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है। नारायण सेवा संस्थान के सेवामहातीर्थ (स्मार्ट विलेज), बड़ी में बाहर से आने वाले विशेषज्ञों व अधिकारियों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था की गई है। यहां से ग्राउण्ड तक आने-जाने के लिए पर्याप्त संख्या में वाहनों की व्यवस्था के साथ विशेष यातायात विभाग कायम किया गया है। सारी तैयारियां एवं वाहन दिव्यांग खिलाड़ियों के अनुकूल हैं। इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा कि खिलाड़ियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
इस राष्ट्रीय कुंभ का आयोजन तीन ग्राउण्ड्स पर होगा। राणा प्रताप नगर स्टेशन के निकट स्थित उत्तर-पश्चिम रेलवे मैदान, राजस्थान कृषि महाविद्यालय के सूरजपोल स्थित मैदान तथा डबोक स्थित नारायण दिव्यांग स्पोर्ट्स एकेडमी मैदान को व्हीलचेयर क्रिकेट चैम्पियनशिप के लिए निर्धारित मानदण्डों के अनुसार तैयार किया गया हैं। यहां होने वाले मैचों में दर्शको के लिए प्रवेश निःशुल्क होगा।
नारायण सेवा संस्थान दिव्यांगों के खेलों को बढ़ावा देने के लिए दो बार पैरास्वीमिंग और एक बार ब्लाइंड क्रिकेट प्रतियोगिता का राष्ट्रीय आयोजन करवा चुका है। जिसमे सैकड़ो की संख्या में विभिन्न राज्यों के खिलाड़ी जुटे थे। नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट चैम्पियनशिप संस्थान का चौथा राष्ट्रीय स्तर का आयोजन है।
डीसीसीआई के सचिव रविकांत चौहान ने बताया कि नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट चैम्पियनशिप का यह तीसरा आयोजन है। जो कोरोना के 2 साल बाद हो रहा है। इससे पूर्व पहली चैम्पियनशिप -2018 और दूसरी-2019 में हुई थी। जिसमें क्रमशः उत्तरप्रदेश और पंजाब की टीमें विजयी रही। यह आयोजन इसलिए भी विशेष है कि इसमें सभी 24 लीग मैच, 2 समीफाइनल और फाइनल एक ही जगह पर हो रहे हैं। इससे दिव्यांग खिलाड़ियों कोे आवाजाही में असुविधा नहीं होगी और समय की भी बचत होगी।
चैम्पियनशिप में 16 टीमों को चार ग्रुप में बांटा जाएगा। श्रेष्ठ चार टीमें दो सेमीफाइनल के लिए चुनी जाएंगी। सेमीफाइनल की विजेता टीमें फाइनल में भिड़ेंगी। इस चैम्पियनशिप के सहयोगी पार्टनर- राजस्थान रॉयल्स (इण्डियन प्रीमियर लीग फ्रैंचाइजी) हैं।
चैम्पियन (विजेता) टीम को रोलिंग ट्रॉफी के साथ 2.50 लाख रुपये जबकि उप-विजेता टीम को 1.50 लाख रुपये नकद पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए जाएंगे। दोनों सेमीफाइनल की उप-विजेता टीमों को 50-50 हजार रुपये नकद का पुरस्कार दिया जाएगा। रोलिंग ट्रॉफी गत विजेता पंजाब के पास है।
सभी 16 टीम और खेल प्रबंधन के अधिकारियों की जर्सी इण्डियन क्रिकेट टीम की तरह ही होगा। दिव्यांग खिलाड़ियों की जर्सी की बनावट में इसका विशेष ध्यान रखा गया है कि उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो।
पंजाब व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान वीर सिंह सन्धु बताया कि दिव्यांगों के क्रिकेट के नियम दो बदलावों के साथ सामान्य ही हैं। इसमें पिच 20 यार्ड का और बाउन्ड्री 40-45 मीटर की होती है, जबकि सामान्य क्रिकेट में पिच 22 यार्ड का और बाउन्ड्री 60 मीटर की होती है। मैच 20 ओवर के होंगे।
दिव्यांगों के विशेष दिन विश्व दिव्यांगता दिवस 3 दिसम्बर को फाइनल मैच होगा। इस अवसर पर चैम्पियनशिप शिडयूल का विमोचन भी किया गया जिसमें आयोजन समिति के संयोजक रवीश कावड़िया, विष्णु शर्मा हितैषी, भगवान प्रसाद गौड़, रोहित तिवारी, रजत गौड़ एवं नरेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
साभार-हिस