-
रथयात्रा सहित सभी अनुष्ठानों की जानकारी अब एक क्लिक पर उपलब्ध
-
भक्तों को मिलेगी सटीक और अद्यतन जानकारी
पुरी। तकनीक और परंपरा के समन्वय की दिशा में एक अहम पहल करते हुए पुरी जिला प्रशासन ने शुक्रवार को ‘श्री जगन्नाथ धाम’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप भक्तों को श्रीमंदिर के अनुष्ठानों, नीतियों, समय-सारिणी और विशेष आयोजनों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
पुरी के जिलाधिकारी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि ‘श्री जगन्नाथ धाम’ नामक एक नया ऐप भक्तों की सुविधा के लिए लॉन्च किया गया है। इसमें मंदिर की सटीक नीति स्थिति और समय, कतार में संभावित प्रतीक्षा समय, रथयात्रा और विशेष अवसरों की व्यवस्थाओं से संबंधित सेवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐप को और बेहतर बनाने के लिए जनता से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।
रथयात्रा की तैयारियों में उपयोगी साबित होगा ऐप
इस ऐप के माध्यम से भक्तों को प्रसिद्ध रथयात्रा, चंदन यात्रा, नवकलेवर जैसे विशेष उत्सवों की भी अपडेट जानकारी प्राप्त होगी। इससे तीर्थयात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने में सहूलियत होगी और मंदिर दर्शन की प्रक्रिया भी अधिक सुव्यवस्थित बनेगी।
करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी साबित होगा
पुरी प्रशासन की यह डिजिटल पहल उन करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी साबित होगी, जो हर वर्ष जगन्नाथ जी के दर्शन के लिए पुरी आते हैं।
पुरी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग फिर तेज
इस बीच, पुरी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘श्री जगन्नाथ धाम पुरी रेलवे स्टेशन’ करने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। स्थानीय संगठन जगन्नाथ सेना ने इस संबंध में प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ज्ञापन सौंपा है। जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक ने कहा कि पुरी भगवान जगन्नाथ की नगरी के रूप में विश्वविख्यात है, ऐसे में स्टेशन का नाम भी उसकी आध्यात्मिक पहचान को दर्शाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे भारत के अन्य ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, वैसे ही पुरी के स्टेशन का नाम भी धार्मिक और सांस्कृतिक सम्मान के अनुरूप बदला जाना चाहिए।
नवीनीकरण के साथ नाम परिवर्तन का उचित समय
गौरतलब है कि पुरी रेलवे स्टेशन फिलहाल बड़े स्तर पर नवीनीकरण के दौर से गुजर रहा है, जिसे नाम परिवर्तन के लिए उपयुक्त अवसर बताया जा रहा है। संगठन का मानना है कि यह बदलाव न केवल पुरी की पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि इसे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीर्थ स्थल के रूप में और अधिक प्रतिष्ठा दिलाएगा।