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ओडिशा तट से डीआरडीओ ने किया परीक्षण
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अत्यंत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) के तीन लगातार सफल परीक्षण किए हैं।
बताया गया है कि तीनों उड़ान परीक्षणों में मिसाइलों ने विभिन्न उड़ान स्थितियों के तहत कम-उड़ान वाले ड्रोन का अनुकरण करते हुए कम थर्मल सिग्नेचर वाले लक्ष्यों को सफलतापूर्वक रोका और पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
यह मिसाइल प्रणाली भारतीय सशस्त्र बलों की सभी तीन शाखाओं, सेना, नौसेना और वायु सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
चांदीपुर से हुआ परीक्षण
परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से किए गए। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये परीक्षण उच्च गति वाले लक्ष्यों पर किए गए, जो बेहद कम ऊंचाई पर उड़ रहे थे। अंतिम तैनाती विन्यास में परीक्षण के दौरान दो फील्ड ऑपरेटरों ने हथियार तैयार करने, लक्ष्य अधिग्रहण और मिसाइल प्रक्षेपण का संचालन किया।
उन्नत सटीकता की पुष्टि
टेलीमेट्री, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और रडार जैसी विभिन्न रेंज उपकरणों से प्राप्त उड़ान डेटा ने मिसाइल प्रणाली की सटीकता की पुष्टि की और ड्रोन सहित अन्य प्रकार के हवाई खतरों को नष्ट करने की इसकी अद्वितीय क्षमता को स्थापित किया।
परीक्षणों के दौरान डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और विकास एवं उत्पादन भागीदारों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
स्वदेशी तकनीक से विकसित प्रणाली
वीएसएचओआरएडीएस एक मैन पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे रिसर्च सेंटर इमारत ने अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और विकास-उत्पादन भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योगों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और इसे महान सफलता बताया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव एवं डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने भी डीआरडीओ टीम, उपयोगकर्ताओं और उद्योग भागीदारों को बधाई दी।