अशोक पाण्डेय, पुरी
भारत के अन्यतम धाम श्रीजगन्नाथ पुरी धाम में 14 मई, 2021, अक्षय तृतीया से श्रीजगन्नाथ भगवान की विजय प्रतिमा मदनमोहन, रामकृष्ण, बलराम, पांच पाण्डव, लोकनाथ, मार्कण्डेय, नीलकण्ठ, पालमोचन, जम्बेश्वर, लक्ष्मी, सरस्वती आदि की 21 दिवसीय बाहरी चंदनयात्रा वहां के पवित्रतम सरोवर चंदन तालाब में अनुष्ठित हो रही है. 2021 की चंदनयात्रा की अनोखी विशेषता यह है कि इस वर्ष, 2021 में सिर्फ सेवायतगण ही इस दिव्य आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं. 24 मई अपराह्न बेला में श्रीमंदिर में जातभोग के उपरांत पालकी विमान में आरुढ कराकर श्रीजगन्नाथ भगवान की विजय प्रतिमा मदन मोहन, रामकृष्ण, बलराम, पांच पाण्डव, लोकनाथ, मार्कण्डेय, नीलकण्ठ, कपालमोचन, जम्बेश्वर, लक्ष्मी, सरस्वती आदि को श्रीमंदिर के सिंहद्वार से परम्परागत बनाटी कौशल प्रदर्शन, पाईकनृत्य, तलवार चालन, भजन-संकीर्तन के साथ नगर परिक्रमा कराकर चंदन तालाब लाया गया. वहां पर तैयार गजदंत आकार की विमान-नौकाओं में बिठाकर देव-देवियों का अलौकिक नौका विहार कराया गया. बिजली बत्ती की रोशनी में नहाये नरेन्द्र तालाब, जिसे चंदन तालाब के रुप में जाना जाता है.
वहां पर आज के दिन भी एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक पूरे सेवाभाव से सेवायतों ने उनका नौकाविहार कराकर चंदन तालाब के बीचोंबीच अवस्थित चंदनघर में लाकर चंदन मिश्रित शीतल जल से मलमलकर नहलाया. कुछ देर विश्राम कराकर, श्रीजगन्नाथ भगवान की विजय प्रतिमाओं का पुनःनगर परिक्रमा कराकर उन्हें मध्यरात्रि बेला में श्रीमंदिर लाया गया. गौरतलब है कि चंदन तालाब लगभग तीन एकड़ में फैला हुआ है, जिसकी लंबाई लगभग 266 मीटर तथा चौड़ाई लगभग 253.30 मीटर है. तालाब के दक्षिण दिशा में एक पुल है, जो चंदनघर से जुड़ी हुई है. इस पवित्रतम तालाब की साफ-सफाई आदि की व्यवस्था सालभर चलती है. 21 दिवसीय बाहरी चंदनयात्रा के उपरांत इस वर्ष 2021 की ज्येष्ठपूर्णिमा का इंतजार सभी को रहेगा, जब महाप्रभु महास्नान करेंगे. नवयौवन दर्शन देंगे तथा 12 जुलाई, 2021 को अपनी विश्वप्रसिद्ध रथयात्रा पर निकलेंगे.