भुवनेश्वर. ओडिशा भले ही 2017-18 से 2019-20 की अवधि के दौरान ग्रामीण विकास पर हर साल कुल खर्च का औसतन 10 प्रतिशत खर्च कर रहा हो, लेकिन यह अभी भी गरीब है और ग्रामीण विकास में निचले 10 राज्यों में शामिल है। केंद्र की ओर से जारी राज्य प्रदर्शन रिपोर्ट – 2018-19 के अनुसार, ओडिशा ग्रामीण विकास के मापदंडों में कुल 100 में से 40 का स्कोर ही हासिल किया है। ग्रामीण आवास, पशुपालन, पेयजल और गरीबी उन्मूलन को छोड़कर, ओडिशा ने स्वास्थ्य और स्वच्छता, कृषि, भूमि सुधार, ग्रामीण सड़कों, महिलाओं और बाल विकास, सामाजिक कल्याण और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण संकेतकों में एफ-ग्रेड (असफल ग्रेड) अंक प्राप्त किया है। इतना ही नहीं, ग्रामीण सड़कों, पीडीएस, व्यावसायिक शिक्षा और ग्रामीण विद्युतीकरण के सूचकांक में राज्य को शून्य अंक हासिल हुए हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने विभिन्न केंद्रीय प्रायोजित ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के संबंध में एक राज्यवार मूल्यांकन तैयार किया है। इसमें ही यह अंक दिये गये हैं। इसका उद्देश्य उद्देश्य ग्रामीण सशक्तिकरण, दरिद्रता, गरीबी और बेरोजगारी को मिटाना है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए राज्य के प्रदर्शन रिपोर्ट से पता चलता है कि ओडिशा कृषि में कुल 7 में से एक अंक हासिल किया है। इसी तरह राज्य भूमि सुधार के सूचकांकों में कुल नौ में से केवल एक अंक हासिल किया है।
किसमें कितना मिला अंक
कुल स्कोर 100 में 40 अंक
स्वास्थ्य और स्वच्छता में 17 में से 04
जमीन सुधार में 09 में 01 एक अंक
ग्रामीण आवास में 05 में 04 अंक
कृषि में 07 में 01 अंक
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