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विवेकानंद केन्द् के नये अकादमी का उद्घाटन

  • – ओडिशा के बच्चों की लंबाई व वजन की समस्या का समाधान करना चुनौती – धर्मेन्द्र प्रधान

 

भुवनेश्वर- ओडिशा के बच्चों की लंबाई व वजन कम होने की समस्या का समाधान करना आगामी दिनों में चुनौती रहेगी। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर विवेकानंद केन्द्र के नये अकादमी का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह बात कही। प्रधान ने कहा कि 1936 में भाषा के आधार पर ओडिशा राज्य का गठन किया गया था। इसे आगामी 2036 में सौ साल पूरे होंगे, लेकिन आज की स्थिति में ओडिशा में गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों की स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक है। वर्तमान में राज्य में प्रति साल 8 लाख माताएं गर्भधारण कर रही हैं, लेकिन कुपोषण के कारण 3 से 4 लाख परिवारों में नवजात बच्चों में आयु के अनुसार वजन व उंचाई कम हो रही है। बच्चों की सही देखभाल किये जाने पर ही भविष्य़ में ओडिशा आगे बढ़ेगा। प्रधान ने कहा कि स्वामी विवेकांनंद ने रामकृष्ण परमहंस के विचारों को आगे बढ़ाया था। जब देश पराधीन था, तब स्वामी विवेकानंद ने विश्व में भारत क्या है उसके बारे में अवगत कराया था। मानव कल्याण ही स्वामी विवेकानंद का लक्ष्य था। भारत में ऐसा ही कोई युवा होगा जो स्वामीजी के विचारों से प्रभावित न हो। आज उद्घाटन दी गयी चार मंजिला विवेकानंद केन्द्र अकादमीं में योग, संस्कृति व आधुनिक प्रबंधन के क्षेत्र में पूर्वी भारत में एक बड़ा शोध केन्द्र के रुप में प्रतिष्ठित हो सकेगा। उन्होंने सीएए पर बोलते हुए कहा कि देश को धार्मिक आधार पर विभाजन के बाद पाकिस्तान बना और वहां इसलामी राज्य स्थापित हुआ। इस कारण वहां रह रहे अल्पसंख्यकों पर धार्मिक आधार पर उत्पीड़न हुआ। भारत ने पाकिस्तान के साथ नेहरु- लियाकत पैक्ट पर हस्ताक्षर किया। इसका अनुपालन भारत ने तो किया, लेकिन पाकिस्तान ने नहीं किया। महात्मा गांधी से लेकर पंडित नेहरु व राजेन्द्र प्रसाद तक ने वहां से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आने वाले लोगों को नागरिकता देने के लिए आश्वासन दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व में सरकार ने उन्हें राहत देने के लिए यह बिल पारित किया है। यह किसी के अधिकार छिनने के लिए नहीं है, बल्कि प्रताड़ित लोगों को अधिकार देने के लिए है। कुछ राजनीतिक पार्टियां इस मामले में भ्रम फैला रही हैं।

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