Home / Odisha / जनगणना प्रस्ताव – कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बोला हमला

जनगणना प्रस्ताव – कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बोला हमला

  • – प्रस्ताव को वोट बटोरने की योजना करार दिया

    भुवनेश्वर- आगामी आम जनगणना के साथ ही सामाजिक- आर्थिक जाति गणना (सोशिओ- इकोनमिक कास्ट इनुमेरेशन) कराने के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस ने इसे वोट बटोरने की योजना करार दिया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया था। राज्य के कानून मंत्री प्रताप जेना ने बताया था कि राज्य कैबिनेट में एक प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें यह मांग की गई है कि आगामी आम जनगणना में सोशली- एजुकेशनली बैकवर्ड क्लास (एसईबीसी) व ओदर बैकवर्ड क्लास (ओबीसी) की भी गणना करायी जाए। आम जन गणना के लिए तैयार किये गये फर्माट में ही इन स्तंभों को शामिल किया जाय या फिर अलग से स्तंभ को स्तंभों को जोड़ा जाए।
    राज्य सरकार के प्रस्ताव को लेकर आज राजनीतिक माहौल गरमा गया है। भाजपा ने भी इसे लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है। इधर, कांग्रेस ने भी जमकर आलोचना की है। राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता सुरेश राउतराय ने कहा कि यह कोई ऐतिहासिक बयान नहीं है। इस तरह के कइयों ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में वोट बटोरने के लिए यह राज्य सरकार की सिर्फ योजना मात्र है। उन्होंने कहा कि वह इस प्रस्ताव को लेकर खुश नहीं हैं। उन्होंने राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या उनके पास एसईबीसी (सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) और ओबीसी की सूची नहीं है? यह सब दिखावा है और इस प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा कि शहरी तथा स्थानीय चुनावों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह सगुफा केंद्र सरकार के पास छोड़ा है। उन्होंने फिर आरोप लगाया कि एसईबीसी की सूची तैयार करना बेकार की बात है और यह अन्य प्रमुख मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है।

  • जाति के आधार पर लोगों को बांटने का प्रयास – रंजीब बिश्वाल

    कांग्रेस सांसद रंजीब बिश्वाल ने भी राउतराय की तरह राज्य सरकार के प्रस्ताव की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास पहले से ही एससी, एसटी, एसईबीसी, सामान्य जाति और अल्पसंख्यकों की सूची है, लेकिन कल जो राज्य सरकार ने प्रस्ताव पारित किया है, वह लोगों को उनकी जातियों के आधार पर विभाजित करने का एक प्रयास है। इसलिए राज्य सरकार का यह कदम बेहद ही खतरनाक है।

  • ओबीसी कोटा क्यों नहीं लागू कर रही है सरकार- श्रीकांत जेना

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रीकांत जेना ने भी राज्य सरकार के प्रस्ताव की आलोचना की है। उन्होंने सवाल किया कि ओबीसी (27%) और एससी/एसटी (38.5%) कोटे को ओडिशा सरकार लागू क्यों नहीं कर रही है? यहां लगभग 94% लोग जाति-आधारित आरक्षण पाने के पात्र हैं, लेकिन मात्र छह फीसदी लोग ही इसका लाभ उठा रहे हैं।

  • बीजद उपाध्यक्ष ने दिया आलोचनाओं का जवाब

    राज्य सरकार के प्रस्ताव पर विपक्षी दलों, कांग्रेस और भाजपा की आलोचनाओं का जवाब देते हुए बीजद के उपाध्यक्ष देबी मिश्रा ने कहा कि यदि लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में पर्याप्त आंकड़े हैं, तो उनके विकास के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा सकता है। सामान्य जनगणना में सामाजिक-आर्थिक जाति गणना को शामिल करना असंवैधानिक नहीं है।

Share this news

About desk

Check Also

तहसील का अनुभाग अधिकारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने रिश्वत की पूरी रकम बरामद की भुवनेश्वर। ओडिशा सतर्कता विभाग …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *