भुवनेश्वर। केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने रविवार को कहा कि एसईबीसी व ओबीसी जनगणना के लिए केन्द्र सरकार के पास मांग करने से पहले राज्य सरकार एसईबीसी व ओबीसी वर्ग को पहले सांविधानिक अधिकार प्रदान करे। एसईबीसी व ओबीसी जनगणना के लिए केन्द्र सरकार से मांग से संबंधित राज्य कैविनेट द्वारा प्रस्ताव से संबंधित पत्रकारों के सवालों के उत्तर में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ओडिशा में एसईबीसी व ओबीसी वर्ग के लोग राज्य के जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है तथा ये लोग गरीबी व अशिक्षित हैं। ऐसे में उन्होंने गत 25 जुलाई को इन दोनों वर्गों को लिए सरकारी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण व्यवस्था को लागू करने के लिए पत्र लिखकर राज्य सरकार से अनुरोध किय़ा था, लेकिन राज्य सरकार सरकारी नौकरी व शिक्षण संस्थानों में ओबीसी वर्ग को तथा एसईबीसी वर्ग को शिक्षण संस्थानों में आरक्षण नहीं दे रही है। इस कारण यह वर्ग पिछड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 15(4) व 16(4) के तहत भारत सरकार ने ओबीसी वर्ग को सरकारी नौकरी व शिक्षण संस्थान में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे मान्यता दी है। अनेक राज्यों ने इसा लागू किया है। उन्होंने कहा कि एसईबीसी व ओबीसी को सांविधानिक तौर पर जो आरक्षण दिया गया है, उसे ओडिशा में लागू नहीं किया गया है। राज्य सरकार पहले इस आरक्षण की व्यवस्था को लागू करे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो अनुरोध किया है उस संबंध में केन्द्र सरकार चर्चा कर निर्णय ले सकती है, लेकिन पहले 30 वर्षों तक इन वर्गों के लोगों को सांविधानिक अधिकारों से बंचित होना पड़ा है। राज्य सरकार पहले उन्हें अधिकार देने के लिए कदम उठाये। उल्लेखनीय है कि शनिवार शाम को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में राज्य कैविनेट की बैठक में आगामी आम जनगणना के साथ ही सामाजिक-आर्थिक जाति गणना (सोशिओ- इकोनमिक कास्ट इनुमेरेशन) करायी जाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया था।
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