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15 छात्रों ने 12 दिन में बना डाले अत्याधुनिक ड्रोन
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50 और अत्याधुनिक ड्रोन बनाने की है योजना
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर
ओडिशा में अब ड्रोन के जरिए खदानों की मैपिंग के लिए सर्वे किया जाएगा। यही नहीं सीमा पर पेट्रोलिंग के साथ प्राकृतिक आपदा के वक्त भी ड्रोन की मदद ली जाएगी। आगामी दिनों में सरहद की निगरानी के लिए भी इस जीवन का प्रयोग किया जा सकेगा क्योंकि यह ड्रोन 3 घंटे से अधिक समय तक एक समय में उड़ सकता है। वही नॉर्मल ड्रोन 25 मिनट तक ही उड़ान भर सकता है। यह जानकारी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सी के प्रभारी संबित परिड़ा ने बात करते हुए दी है।
दरअसल, स्कील ओडिशा, स्किल इन इंडिया, मेक इन इंडिया की मदद से कटक जिले के खपुरिया आईटीआई के छात्रों ने ड्रोन बनाया है। इस ड्रोन में पूरी तरह से स्वदेशी तकनीकी का प्रयोग किया गया है। आगामी दिनों में इसी तरह के और 50 ड्रोन बनाने की तैयारी है।
परिड़ा ने बताया कि इसके जरिए सीमा की रखवाली और जंगल में पेट्रोलिंग की जा सकती है। सुरक्षा बलों को इस डेल्टा 400 सीरीज के ड्रोन से मदद मिलेगी। यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। बनाने वाले छात्रों का कहना है कि कई कामों में यह मददगार साबित होगा। खदानों की मैपिंग, सेतु जांच, सीमा सुरक्षा, जंगल में आग की निगरानी व बाढ़ के समय इसकी मदद ली जा सकती है। बताया गया कि पहले चरण में खदान सर्वेक्षण के लिए इसका इस्तेमाल होगा। इसके लिए इसे विभिन्न प्रकार के सेंसर व कैमरों से लैस किया गया है। सेंसर होने के कारण मिट्टी के ऊपर की स्थिति के बारे में इससे संपूर्ण तथ्य मिल जाएंगे। इस ड्रोन को सेटेलाइट द्वारा संचालित किया जाएगा।
परिड़ा ने बताया कि आईटीआई को लेकर लोगों की मानसिकता को बदलने का यह प्रयास है कि यहां के बच्चे किसी बीटेक या इंजीनियर इंजीनियर छात्रों से कम नहीं है। सबसे पहले हमने इसके लिए अपना एक लक्ष्य निर्धारित किया और उसी लक्ष्य पर काम शुरू किया और आज यह सफलता मिली है।