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खदानों की मैपिंग, शिल्प, सेतु जांच, सीमा की सुरक्षा, जंगल में आग लगने की घटना तथा बाढ़ के समय अनेक कार्य में किया जा सकेगा इस ड्रोन का प्रयोग
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर
ड्रोन के जरिए खदानों का मैपिंग सर्वे किया जाएगा। सीमा में पेट्रोलिंग के साथ प्राकृतिक आपदा के समय इस ड्रोन के जरिए सर्वे किया जाएगा। स्कील ओडिशा की मदद से कटक खपुरिया आईटीआई के छात्रों ने यह ड्रोन बनाया है। ड्रोन एं खपुरिया आईटीआई के बीच करारनामा हस्ताक्षरित किया गया है। इस ड्रोन के जरिए सीमा की रखवाली की जाएगी। जंगल में पेट्रोलिंग की जा सकती है। सुरक्षा बलों को इस डेल्टा 400 सिरीज के ड्रोन से मदद मिलेगी, जिसे कटक खपुरिया आईटीआई के छात्रों ने तैयार किया है।
स्कील ओड़िशा की मदद से तैयार किए गए इस ड्रोन को कई कार्य में लगाया जा सकता है। खदानों की मैपिंग, शिल्प, सेतु जांच, सीमा की सुरक्षा, जंगल में आग लगने की घटना तथा बाढ़ के समय अनेक कार्य में इसका प्रयोग हो सकेगा। अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर छात्र एवं शिक्षकों ने इस ड्रोन का निर्माण किया है। इसके लिए ड्रोन एवं खपुरिया आईटीआई के बीच करारनामा हस्ताक्षर किया गया है।
पहले चरण में खदान सर्वेक्षण के क्षेत्र में इसका प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न प्रकार के सेंसर लगाए जाने के साथ ही रिजियोलेशन आरजीबी कैमरा लगाया गया है। सेंसरके माध्यम से मि्टटी के ऊपर की स्थिति के बारे में सम्पूर्ण तथ्य मिल पाएगा। परिणाम स्वरूप पर्यावरण के क्षेत्र में भी सही तथ्य मिलेगा और समयानुसार सही निर्णय लिया जा सकेगा। इस ड्रोन को सेटेलाइट के साथ संपर्क किया जाएगा एवं सेटेलाइट के द्वारा संचालित किया जाएगा।
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