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महानदी को बर्बाद नहीं, आबाद कर रहा हूं मैं – जिलाधिकारी

  • कहा- नदी की प्रकृति से नहीं हो रही है छेड़छाड़

  • उच्च न्यायालय की निगरानी में चल रहा है पूरा काम

  • वैज्ञानिक तरीके से नदी की गहराई हो रही है साफ

  • बैराज को पहले मिलेगा अधिक पानी, नदी होगी पहले से और गहरी

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

महानदी की प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के दावे पर कटक के जिलाधिकारी भवानी शंकर चयनी ने साफ किया वह नदी को बर्बाद नहीं, अपितु आबाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नदी की एक इंच जमीन पर बालू नहीं भरा गया है. उन्होंने कहा कि जो लोग नदी को भरने का दावा कर रहे हैं, वह विषयवस्तु से अनभिज्ञ हैं.

महानदी में किये जा रहे कार्य पर प्रकाश डालते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि दरअसर नदी की गहराई को साफ किया जा रहा है. यह पूरा काम उच्च न्यायालय की निगरानी और मार्गदर्शन पर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नदी की तटहती को साफ करने के बाद वहां से निकलने वाले बालू को तट के समीप के निचले इलाके में भरा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस कार्य से महानदी की गहराई बढ़ेगी. इससे महानदी की पानी ग्रहण करने की क्षमता कई गुना बढ़ेगी. बैराज में पहले की तुलना में अधिक पानी मिलेगा.

Location photo – Indo Asian Times

इण्डो एशियन टाइम्स के साथ बातचीत करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि कटक जिला प्रशासन किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर आईआईटी चेन्नई का एक कंसलटेंट की टीम, जिसे नियुक्त किया गया था, इसमें लगी हुई है. प्रोफेसर हाइड्रोलाजी इसकी निगरानी कर रहे हैं. टीम जैसे-जैसे इनको गाइड कर रही है, वे वैसे-वैसे काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नदी क तलहटी भर गया था. नदी बीच बालू से द्वीप की तरह बन गये थे. हाईकोर्ट ने कहा कि यह शोल नदी के पानी को बाधित कर रहा है. इसको हटा कर नदी में ज्यादा पानी रहने लायक व्यवस्था करें. इसके बाद वहां से निकलने बालू को लेकर आदेश ने दिया था कि रिंगरोड के पास निचले इलाके में बालू डालकर बराबर कीजिए. इस काम को मूर्त रूप देने के लिए आईआईटी चेन्नई से विशेषज्ञों की एक कमेटी बनायी गयी. नदी में कहां-कहां से बालू निकलेगा और कहां-कहां बालू डाला जायेगा, इसको लेकर हाइड्रोलाजीकल डेटा के आधार पर उस कमेटी ने एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की. उनकी निगरानी में एक बड़ी मशिनरी को लगाकर काम को किया जा रहा है.

माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रिंगरोड के निचले इलाके में कुछ अवैध कब्जा था, कुछ मंदिर थे, जिसे सरकारी मुआवजा देकर हटा दिया गया है. लेकिन कुछ लोगों को इससे फायदा हो रहा था, अब उनको नुकसान हो रहा है. इसलिए वे लोग इस मुद्दे को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं.

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नदी की चौड़ाई से नहीं हुई छेड़ाछाड

जिलाधिकारी ने कहा कि महानदी की चौड़ाई से कोई छेड़छाड़ नहीं हो रही है. इस काम से महानदी में पानी धारण करने की क्षमता कई गुना बढ़ेगी. बैराज में अधिक पानी होने के कारण लोगों को फायदा होगा. यहां का पूरा काम माननीय न्यायालय की निगरानी में हो रहा है.

वैज्ञानिक तरीके से बन रहा है तट

महानदी के तट को वैज्ञानिक तरीके से बनाया जा रहा है, ताकि तट से बालू पुनः नदी में न जाये. उन्होंने कहा कि नदी को वैज्ञानिक तरीके से सुरक्षित किया जा रहा है. इसमें महंगी तकनीकी अपनायी जा रही है, ताकि तट का बालू नदी में न जाये. पहले तट के आसपास का बालू अंदर चला जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

कटक के लोगों को होगा फायदा

जिलाधिकारी ने कहा कि कटक को सिकुड़ा हुआ नहीं छोड़ सकते हैं. शहर में एक इंच जमीन खुली नहीं है. इसलिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सोच के अनुसार इस जमीन को तैयार किया जा रहा है, ताकि लोगों को खुली जगह मिल सके. आज यहां सुबह-शाम लोग शैर करने आते हैं.

उन्होंने बताया कि इस मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सोच इसे खुले के साथ साथ कटक के लिए पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ प्रोटेक्टिव इकोलाजी, प्रोटेक्टिव इकोलाजिकल कंडीशंस आफ सिटी, प्रोटेक्टिव इनवायरमेंटल के रूप में प्रयोग किया जायेगा.

उल्लेखनीय है कि महानदी बचाओ आंदोलन कमेटी ने दावा किया था कि जिलाधिकारी महानदी की प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं और इससे बारिश के समय में कटक की जनता को बाढ़ की मार झेलनी होगी.

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