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बिजली कनेक्शन की कटौती के निर्णय पर बरसी भाजपा

  • राज्य सरकार पर साधा निशाना

  • कहा- किसके आदेश पर अरुणा बोथरा ने लिया फैसला

  • पहले कर्ज माफ नहीं किया, अब किसानों को धकेल रहे कुएं में

  •  पूछा- वसूली के पैसा कौन लेगा, सरकार या निजी कंपनी

  • सेसू के फैसले से उपभोक्ताओं में आक्रोश

  • कहा- निजीकरण के बाद अब तत्काल पेमेंट के लिए बनाया जा रहा है दबाव, पहले क्यों दिया दी जा रही थी छूट

  • कनेक्शन कटा तो होगा आंदोलन – सुरेश राउत राय

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने आज बीजू जनता दल पर जमकर निशाना साधा। पार्टी के उपाध्यक्ष समीर मोहंती ने बिजली काटने के फैसले को लेकर अरुण बोथरा को सवालों के घेरे में ला खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि अब तक अरुण बोथरा कहां सो रहे थे कि अचानक उनको यह निर्णय लेना पड़ा कि 15 जनवरी तक बिल नहीं जमा होने पर 16 जनवरी को बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। उन्होंने पूछा कि अरुण ने किसके आदेश पर यह फैसला लिया है, जबकि राज्य सरकार 5टी अभियान चला रखी है, जिसके तहत वह पारदर्शिता की बात कर रही है। राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह निर्णय किसका है। समीर मोहंती ने कहा कि राज्य सरकार ने सेसू को लेकर टाटा  के साथ समझौता कर चुकी है तो यह पैसा कौन लेगा? समीर मोहंती ने सवाल किया कि यदि सरकार को पैसा लेना है तो पहले निर्णय क्यों नहीं लिया? समझौते के बाद यह कदम उठाने से लगता है कि सरकार निजी कंपनियों के लिए काम कर रही है। समीर मोहंती ने किसानों की समस्याओं को लेकर भी राज्य सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि किसान कर्जे के बोझ तले दबे हुए हैं, ऐसी स्थिति में अरुण बोथरा का यह निर्णय किसानों को और कर्ज में डूब आएगा। उन्होंने पूछा कि आज कौन सी फसल बेचकर किसान बिजली का बिल चुकाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को कर्जमाफी करनी चाहिए ना कि कर्ज का बोझ लादना चाहिए। समीर मोहंती ने कहा कि सरकार के इस फैसले से साफ हो गया है कि वह किसानों को लेकर दिखावा कर रही है।

सेसू के फैसले से उपभोक्ताओं में आक्रोश, कहा- निजीकरण के बाद अब तत्काल पेमेंट के लिए बनाया जा रहा है दबाव, पहले क्यों दिया दी जा रही थी छूट

ओडिशा में सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई यूटिलिटी ऑफ ओडिशा (सेसू) के उस फैसले से उपभोक्ताओं में आक्रोश है कि 15 जनवरी तक बिल नहीं जमा करने पर बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। उपभोक्ताओं का आरोप है कि कंपनी पहले 3 महीने की अवधि बिल भुगतान के लिए देती थी, लेकिन अब इसका निजीकरण होने के बाद यह उपभोक्ताओं पर दबाव बनाया जा रहा है, जो उचित नहीं है। इसे लेकर लोगों ने नाराजगी जाहिर की है। उल्लेखनीय है कि 16 जनवरी से बिजली काटे जाने के निर्णय से राज्य के 11397 गांवों पर अंधेरा मंडराने आने का खतरा बढ़ गया है। छह कंपनियों पर लगभग 96 करोड़ रुपए बिजली का बकाया है। इसे लेकर राज्य में राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई है। कहा कि पहले तो सेसू को बेच दिया गया और उपभोक्ताओं पर भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कई राजनीतिक दलों ने सवाल उठाया कि अब तक सेसू के कर्मचारी क्या कर रहे थे, इस तरह से दबाव बनाया जा रहा है। बिल जमा करने के लिए कंपनी की तरफ से प्रचार अभियान चलाया जा रहा है सेसू के कर्मचारी इलाकों में घूम घूमकर प्रचार अभियान चला रहे हैं कि सभी 15 जनवरी तक अपना बिल जमा कर दें।

कनेक्शन कटा तो होगा आंदोलन – सुरेश राउत राय

बिजली कनेक्शन काटने के निर्णय को लेकर कांग्रेस ने भी राज्य सरकार को जमकर घेरा है और विधायक सुरेश राउतराय ने कहा है कि यदि कनेक्शन काट दिया गया तो आंदोलन को कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक बिल बकाया उद्योगपतियों के पास है, लेकिन सरकार किसानों और आम जनता के पीछे पड़ी है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले बिल तो उद्योगपतियों से वसूलना चाहिए और उनका बिजली कनेक्शन काटना चाहिए, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का निर्णय दुर्भाग्यजनक है। विधायक ने साफ शब्दों में सरकार को चेताया कि किसी भी गरीब, मजदूर और किसान का बिजली कनेक्शन काटा गया तो हम जोरदार आंदोलन करेंगे। साथ ही उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस ले।

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