टिटिलागढ़. कोरोना की इस विषम परिस्थितियों में गरीब एवं असहाय मरीजों की निरंतर सेवा कर डा. ओमकार होता ने मानवता की नयी मिसाल कायम की है। उनके इस लग्न को देखते हुए बलांगीर डीएम चंचल राणा ने डा. होता की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। गौरतलब है कि पहले से ही टिटिलागढ़ सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की कमी रही है। अस्पताल में 18 डॉक्टरों का पद है, किन्तु मात्र तीन डाक्टरों के भरोसे ही अस्पताल का काम चल रहा है। फिलहाल एक डाक्टर कोरोना से संक्रमित होकर आइसोलेशन में चला गया है, जबकि अन्य डाक्टर को डेपूटेशन में भेज दिया गया है। इन हालातों में कोरोना के इस दूसरी लहर में पूरे अस्पताल का कामकाज डाक्टर होता के कंधों पर आ टिका है। खुशी की बात यह है कि डाक्टर होता ने इसे एक चैलेंज की तरह स्वीकार किया और नियमित तौरपर आउटडोर में मरीजों की चिकित्सा करने के बाद अस्पताल के विभिन्न वार्डों में जाकर मरीजों की तदारख कर रहे हैं। इस बीच वे लाशों को पोस्टमॉटम एवं पुलिस द्वारा लाए गए अपराधियों के स्वास्थ्य की जांच समेत अन्य कार्यों को सहजता से अंजाम दे रहे हैं। डा. होता रोजाना करीब 16 से 17 घंटा अस्पताल में मरीजों को चिकित्सा सेवा देने में गुजार रहे हैं। समय मिलने पर डा. होता अपने प्राइवेट क्लिनिक में बैठकर असहाय एवं गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज भी करते हैं। यहांपर बतातें चले कि मालकानगिरि में तैनाती के दौरान डा. होता ने एक गर्भवती महिला को अपने कंधे में उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया और उसका सफल इलाज किया था, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था। जिसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उत्कलमणि गोपबंधू सम्मान एवं राज्यपाल की ओर से जीवन ज्योति सम्मान प्रदान किया गया था। डाक्टर होता की लग्न एवं मेहनत फिलहाल पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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