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BIG NEWS – ओडिशा की राजधानी में बच्चों के लिए कोरोना बजा रहा खतरे की घंटी

  • शहर में कुल नए संक्रमणों में से लगभग 45 प्रतिशत संक्रमितों की आयु 10 साल से कम

  • पिछले 15 दिनों में राजधानी क्षेत्र में 85 बच्चों को कोरोना पाजिटिव पाया गया

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में छोटे बच्चों के लिए कोरोना खतरे की घंटी बजा रहा है. दूसरी लहर में राजधानी क्षेत्र में कोरोना की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या काफी दिख रही है. पिछले 15 दिनों में राजधानी क्षेत्र में 85 बच्चों को कोरोना पाजिटिव पाया गया है, जिनकी आयु 0-14 वर्ष वर्ग में है. शहर में कुल नए संक्रमणों में से लगभग 45 प्रतिशत संक्रमितों की आयु 10 साल से कम है. ओडिशा की राजधानी सिटी में दूसरी लहर में कोरोना का कहर जारी है. पहली लहर के लगभग आठ महीने के बाद भुवनेश्वर ने शनिवार को 450 का आंकड़ा पार कर लिया. भुवनेश्वर में शनिवार को दैनिक संक्रमण का आंकड़ा 451 दर्ज किया गया है, जबकि रविवार खुर्दा जिले में 704 कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. उल्लेखनीय है कि पहली लहर के दौरान राजधानी में 12 सितंबर, 2020 को 480 कोरोना पाजिटिव मामला दर्ज किया था. पिछले 15 दिनों की अवधि 1 से 16 अप्रैल के दौरान भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के एकत्र आंकड़ों के अनुसार, स्मार्ट सिटी में दैनिक नए संक्रमणों में 14 साल से कम आयु वर्ग के बच्चे काफी संख्या में हैं. यह आंकड़ा दैनिक 2-4 फीसदी है. पिछले वर्ष पीक अवधि के दौरान शहर में अनुपात लगभग 1-2 प्रतिशत था. पिछले 15 दिनों में 0-14 वर्ष के आयु वर्ग में राजधानी में कुल 87 बच्चों को कोविद-19 पाजिटिव पाया गया है. एक डेटा विश्लेषण के अनुसार, शहर में कुल नए संक्रमणों का लगभग 45 प्रतिशत 10 साल से कम है. इसके अलावा, लिंग के विभाजन से पता चलता है कि लड़कियों की तुलना में लड़के अधिक संक्रमित हैं. यह आंकड़े लकड़ों की आंतरिक कमजोरी को दर्शा रहा है. भुवनेश्वर की जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है राजधानी में इस आयु वर्ग की आबादी लगभग 2.7 लाख है. उनमें से लगभग 10 प्रतिशत 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के हैं.

दूसरी लहर में रिकवरी रेट काफी कम

कोरोना के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि दूसरी लहर में अब तक की रिकवरी काफी कम है. कोरोना की पहली लहर में रिकवरी दर 83 प्रतिशत थी, जो आज 25 प्रतिशत है. यह स्मार्ट सिटी के लिए एक कष्टदायक दिन को दर्शा रहा है.

लापरवाही के कारण बच्चे ज्यादा संक्रमित

बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दूसरी लहर में कोरोना काफी तेजी से फैल रहा है. पहली लहर में काम करने वाला आयु वर्ग (20-45 वर्ष) में वायरस फैला था. पिछली बार बच्चों के बीच प्रसार धीमा था. इस बात बच्चों की संख्या काफी है. अधिकारी ने कहा कि यह देखा गया है कि शहर के अधिकांश बच्चे कोविद-19 नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे हैं. वे अभी भी खेल के मैदानों में एक-दूसरे के साथ घुलमिल जाते हैं.

शैक्षणिक संस्थानों से काफी तेजी से फैला संक्रमण

एक दूसरा पहलू यह भी है कि लंबे समय के बाद स्कूलों और शैक्षणिक ट्यूटोरियल इंस्टीट्यूटों के खुलने के बाद बच्चों का काफी लंबे अंतराल के बाद घरों से बाहर निकलने का मौका मिला. इस दौरान यहां सही तरीके से कोरोना नियमों का पालन उचित तरीके से नहीं किया गया. दूसरी लहर में कोरोना के संक्रमण की चपेट में काफी संख्या में इंस्टीट्यूट आये हैं.

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