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निष्पक्षता से काम नहीं कर रहे विधानसभा अध्यक्ष – नेता प्रतिपक्ष

  • कहा- विपक्ष की आवाज को दबाने का कर रहे हैं प्रयास, बोलने की नहीं दे रहे हैं अनुमति

  • निष्पक्षता के बजाय बीजद के कार्यकर्ता के रुप में करने का प्रदीप्त नायक ने लगाया आरोप

भुवनेश्वर. नेता प्रतिपक्ष प्रदीप्त नायक ने यहां आयोजित प्रेस कांन्फ्रेंस में विधानसभा अध्यक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा दावा किया कि विधायकों को बोलने का अधिकार नहीं देकर वह विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कम तथा बीजद के कार्यकर्ता के रूप में वह ज्यादा काम कर रहे हैं.

विधानसभा में बिल पारित होने के समय एक आम विधायक को बोलने का अधिकार है, लेकिन शनिनार को सदन में दो बिल पारित होने के समय प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक सदन में खड़े होकर बोलना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी. इससे भाजपा विधायक आहत होकर विधानसभा अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने गलती करने के बाद फिर से भाजपा के तीन विधायकों को निलंबित कर दिया. नायक ने इसे निंदनीय घटना करार दिया है. पार्टी कार्यालय में आज सुबह भाजपा विधायकों ने एक पत्रकार सम्मेलन में अपनी बातें रखीं.

प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को चाहिए कि वह निष्पक्षता से काम करें. लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष बीजू जनता दल के इशारे पर काम कर रहे हैं और विपक्षी को बोलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष बीजद के इशारे पर विपक्षी विधायकों को खिलौना समझ रहे हैं. सदन में बिना चर्चा के महत्वपूर्ण बिल पारित कराते समय भाजपा ने इसका विरोध किया. भाजपा विधायक ने बिल के संबंध में अपनी बात रखने की अनुमति मांगी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इस बात को सुना तक नहीं. उन्होंने जिस ढंग से कल विधानसभा का संचालन किया उसे स्पष्ट होता है कि वह निष्पक्ष नहीं हैं, बल्कि बीजद के सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष को चाहिए कि वह अपने पद की गरिमा की रक्षा करें. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पार्टी कार्यक्रम में कटक, कलाहांडी और सुंदरगढ़ का दौरा कर रहे हैं. विधानसभा का अपमान है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि मंडियों से धान खरीद खरीद होगी, लेकिन यह नहीं हुआ. ओडिशा के किसानों के हितों की रक्षा के लिए यदि भाजपा विधायक सुभाष पाणिग्राही ने विरोध  किया तो उसमें क्या गलती थी. अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों ने विरोध करते हुए पांच दिनों तक विधानसभा की कार्यवाही को बाधित रखा. इसके बाद में विधानसभा अध्यक्ष पात्र ने भी अपनी गरिमा को खेते हुए सदन के बाहर सुभाष को क्षमा याचना करने की सलाह दी, जबिक विधानसभा अध्यक्ष को ऐसा नहीं करना चाहिए था.

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जिस ढंग से परंपरा को दरकिनार कर रहे हैं, वह निंदनीय है. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या, महिला सुरक्षा, सीमा विवाद, कानून व्यवस्था तथा खनिज घोटाले आदि मुद्दे उठाने को लेकर भाजपा संकल्पित है. भाजपा लोगों की लड़ाई लड़ती रहेगी. इस पत्रकार सम्मेलन में वरिष्ठ भाजपा विधायक जय नारायण मिश्र व अन्य विधायक भी उपस्थित थे.

विधानसभा परिसर में रात भर भाजपा विधायकों ने दिया धरना

शनिवार को भाजपा के निलंबित तीनों विधायकों के साथ भाजपा के विधायकों ने रातभर विधानसभा में धरना दिया. ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष के निलंबन के फैसले का विरोध कर रहे थे. साथ विपक्ष की आवाज को सदन में दबाने का भी विरोध कर रहे थे.

भाजपा विधायक शनिवार को रातभर विधानसभा परिसर में गांधी मूर्ति के नीचे बैठे रहे. रविवार सुबह भाजपा के सह प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर उन्हें मिलने गये. इसके बाद उन्होंने धरना वापस ले लिया.

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