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आपने जो किया उसे ना तो कानून अनुमति देता है और ना ही सभ्य समाज का संस्कार
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क्या आपने जो किया आपके साथ ही भी वैसा किया जाए, अगर नहीं तो आपको एक सभ्य नागरिक के हिसाब से विधानसभा अध्यक्ष से माफी मांगनी चाहिए
हेमंत कुमार तिवारी, भुवनेश्वर
भारतीय जनता पार्टी की बुनियाद ही संस्कारों पर टिकी हुई है, लेकिन जो कल ओडिशा विधानसभा में भाजपा विधायकों ने किया उसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है. घटना चक्र के घेरे में रहे तीनों विधायक को इस बात पर तनिक भी एहसास नहीं है कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है. कल विधायक जयनारायण मिश्र की जो प्रतिक्रिया आई है, वह और भी विचित्र थी. उन्होंने कहा कि सदन के अध्यक्ष गलत काम कर रहे थे. विपक्ष की आवाज को दबा रहे थे तथा एक पार्टी के लिए काम कर रहे थे. ऐसा विधानसभा अध्यक्ष को नहीं करना चाहिए था. विधानसभा अध्यक्ष के इस गलत कार्यों की प्रतिक्रिया होनी तय थी.
एक सवाल उठता है कि जय नारायण मिश्र जी बताइए क्या, क्या हर गलत कार्य का जवाब गलत ही होता है? अगर नहीं, तो कम से कम आपको सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए थी. आपने जो किया है, उसे ना तो हमारे देश का संविधान अनुमति देता है और ना ही हमारे परिवार की संस्कृति और संस्कार. आप के विरोध के रास्ते और भी हो सकते थे. जिस तरह से आप निलंबन के बाद धरने पर बैठे, अहिंसात्मक रूप से आप यह धरना बिना जूता फेंके भी कर सकते थे. सड़कों पर उतर कर जनता के पास जा सकते थे, लेकिन आपने जो किया वह कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
अगर हर गलत का जवाब गलत होता है, तो एक सवाल यह भी उठता है कि क्या वह जूते आप पर भी फेंके जा सकते हैं, क्या वह पेन आप पर भी फेंके जा सकते हैं, क्या वह कागज आप पर भी फेंके जा सकते हैं, और क्या वह ईयर फोन भी आप पर फेंके जा सकते हैं. शायद कोई भी व्यक्ति इसका जवाब हां में नहीं देगा. इसलिए आपको चाहिए कि सिर्फ सदन अध्यक्ष के रूप में ही नहीं, बल्कि सदन के सबसे अधिक आयु के सदस्य के रूप में विराजित विधानसभा अध्यक्ष से ना सिर्फ विधायक की हैसियत से, अपितु एक माननीय भूल के रूप में भी आधिकारिक और व्यक्तिगत तौर पर क्षमा याचना करें.
क्षमा याचना करने से कोई भी व्यक्ति छोटा या गलत साबित नहीं होता है. क्षमा याचना एक वह गहना है, जिसे धारण करने से मनुष्य का व्यक्तित्व और भी बढ़ जाता है.