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एंबुलेंस-108 का दूरी घोटाला?, एक दिन में 1736 किलोमीटर की दूरी कवर दिखाया

  • आरटीआई के मिले जवाब में हुआ खुलासा

  • ओडिशा एम्बुलेंस सर्विस वर्कर्स एसोसिएशन और सेवा प्रदाता कंपनी कर रही है त्रुटिपूर्ण डाटा का दावा

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

एक आरटीआई के जवाब में दिये गये तथ्य ओडिशा में एंबुलेंस-108 की सेवा में घोटाला का संकेत दे रहे हैं. हालांकि ओडिशा एम्बुलेंस सर्विस वर्कर्स एसोसिएशन और सेवा प्रदाता कंपनी त्रुटिपूर्ण डाटा का दावा कर रही है. थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर डिवाइस द्वारा ट्रैक किये जाने का हवाला देते हुए दोनों अपने को निर्दोष करार दे रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि राज्य में 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा को स्वास्थ्य प्रणाली में जीवन रेखा के रूप में माना जाता है, लेकिन इन दिनों अक्सर आपातकालीन स्थिति के दौरान रोगियों को समय पर सेवा प्रदान करने में अपनी कथित विफलता के कारण सुर्खियों में आ जाती है. यह एक बार फिर खबरों में है, लेकिन इस बार परिचालन में कथित अनियमितताओं के कारण से.

एक निजी चैनल की तरफ से दायर सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन को लेकर मिले जवाब में राज्य में एम्बुलेंस सेवा में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का संकेत मिला है. आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि भद्रक जिले की धामनगर थाना क्षेत्र में एक 108 एम्बुलेंस ने पिछले साल 10 मार्च को 1650 किलोमीटर की दूरी तय की. हालांकि, एक अन्य एम्बुलेंस चालक ने दावा किया कि वाहन एक दिन में केवल 500 से 600 किमी चल सकता है. चालक ने कहा कि हम 60 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से एम्बुलेंस चला सकते हैं, जिसका मतलब है कि हम प्रति दिन 500 से 600 किमी की यात्रा कर सकते हैं. कोविद-19 लॉकडाउन के दौरान रोगियों की संख्या काफी कम थी और अब यह धीरे-धीरे बढ़ रही है.

यह एकमात्र मामला नहीं है. इसी तरह से आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि कोरापुट जिले के जयपुर में जिला मुख्यालय अस्पताल की 108 एम्बुलेंस ने भी पिछले साल 10 मार्च को 1736 किलोमीटर की असामान्य यात्रा की थी. इधर, एम्बुलेंस चालक, देवेंद्र दलई ने कहा कि हम मूल रूप से जयपुर, कोरापुट और रामगिरि क्षेत्र की यात्रा करते हैं और पूरे दिन में 500 से 600 की दूरी तय करते हैं.

आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि कुल 512 एम्बुलेंस में से 400 ने अपनी यात्रा के बारे में गलत जानकारी दी है.

प्रतिदिन 1800 किमी की दूरी तय करना असंभव

ओडिशा एम्बुलेंस सर्विस वर्कर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता सत्यव्रत दास ने कहा कि तटीय क्षेत्रों में एम्बुलेंस मरीजों को एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ले जाते समय अधिकतम दूरी तय करती है, जो कि रेफरल अस्पताल से आते हैं. पश्चिमी ओडिशा के एंबुलेंस विमसार, बुर्ला आते हैं. इसी तरह दक्षिणी क्षेत्र की एम्बुलेंस मरीजों को ब्रह्मपुर ले जाती है. इसलिए, प्रतिदिन 1800 किमी की दूरी तय करना असंभव है.

सेवा प्रदाता कंपनी प्रति किमी लेती है 24.98 रुपये

बकौल सूत्र निजी टीवी ने दावा किया है कि मुंबई स्थित जिकिट्जा हेल्थ केयर लिमिटेड 2013 से ओडिशा में एम्बुलेंस सेवा प्रदान कर रही है. समझौते के अनुसार, फर्म 24.98 रुपये प्रति किमी चार्ज कर रही है. दावा यह भी किया गया है कि निजी फर्म द्वारा घोटाला की कोई नई बात नहीं है. इससे पहले, जब फर्म को यात्राओं के आधार पर पैसा दिया जा रहा था, तब वह प्रति दिन 23 से 36 यात्राओं का रिकॉर्ड प्रस्तुत करती थी जो कि असंभव है.

डेटा व्याख्या में कुछ त्रुटि का दावा

हालांकि जिकिट्जा हेल्थ केयर लिमिटेड के परियोजना प्रमुख, ओडिशा सब्यसाची बिस्वाल ने दावा किया कि डेटा व्याख्या में कुछ त्रुटि हुई होगी. उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस की यात्रा को थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर डिवाइस द्वारा ट्रैक किया जाता है. यह व्यवस्था हमारे नियंत्रण में नहीं. यह आंकड़ा सीधे जीपीएस के माध्यम से दर्ज किया जाता है. यदि कोई एम्बुलेंस 1700 से 1800 किमी प्रतिदिन यात्रा करती है, तो डेटा व्याख्या में त्रुटि हुई होगी.

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