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ओडिशा विधानसभा में उठा पेट्रोल डीजल कुकिंग गैस व खाने के तेल के मूल्य वृद्धि का मुद्दा

  • कीमत कम करने के लिए प्रस्ताव लाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने दिया धरना

भुवनेश्वर. पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस एवं खाने के तेल के मूल्य में लगातार बढ़ोतरी का मुद्दा आज विधानसभा में उठा. कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बाहिनीपति ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठा उठाने के साथ-साथ कहा कि इनकी कीमतें कम करने के लिए एक प्रस्ताव सदन में लाया जाए. उन्होंने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से रूलिंग देने की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने रुलिंग ना देने के कारण वह स्वयं व अन्य कांग्रेसी विधायक सदन के बीच में आ गये और धरना दिया. उधर भाजपा विधायकों ने भी आरोप लगाया कि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इसको लेकर सदन में गतिरोध दिखा. स्थिति को सामान्य करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस कारण सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा. इस कारण आज विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव नोटिस पर चर्चा नहीं हो सकी. शून्य काल में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बाहिनीपति ने कहा कि पेट्रोल-डीजल व कुकिंग गैस की दर में भारी बढ़ोतरी हुई है. इस कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही खाने के तेल के मूल्य में भी बढ़ोतरी हुई है. खाने के तेल का मूल्य जो कुछ दिन पूर्व 70 रुपये प्रति लीटर था, अब बढ़कर 160 रुपये हो चुका है. इसलिए आम गरीब लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र व राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने तथा खाने के तेल की कीमतों को कम करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है. पेट्रोल-डीजल के लिए केंद्र और राज्य सरकार 10 -10 रुपये अपने कर से कटौती करे तथा खाने के तेल के मूल्य पर लगाए जाने वाले टैक्स को पूरी तरह से छोड़ा जाए. इस संबंध में सदन में एक प्रस्ताव लाया जाए. बाहिनीपति ने विधानसभा अध्यक्ष से यह अनुरोध किया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी पार्टी के विधायक यहां हैं. वे कौन सा प्रस्ताव लाएंगे या नहीं लाएंगे, यह लोग तय करेंगे. इसमें उन्हें कुछ करना नहीं है. इसके बाद बाहिनीपति वह कांग्रेस विधायक सदन के बीच में आकर धरना देने लगे. विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बार-बार अपनी सीट पर जाकर बैठने को कहा, लेकिन वे नहीं माने. इसके बाद भाजपा विधायक भी बीच में आ गए और उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष भाजपा विधायकों को बोलने नहीं दे रहे हैं. गतिरोध बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस कारण उन्होंने पहले 12:09 बजे से पहले 15 मिनट के लिए सदन को स्थगित कर दिया. इसके बाद 12:24 से 12:34 बजे बाद में 12:34 से दोपहर 4:00 बजे तक सदन को स्थगित करने की घोषणा की.

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