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कोरोना की दूसरी लहर रोकने के लिए समारोह को परिवार तक सीमित रखने का समय, सामाजिक संस्थाओं को निभानी होगी बड़ी जिम्मेदारी
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर
देश के साथ-साथ ओडिशा में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दिया है. राज्य में कोरोना संक्रमण की संख्या दहाई और सैकड़े के बीच में अप-डाउन कर रही है. ओडिशा में नियंत्रण हालात को बिगड़ने से रोकने के लिए एक बड़ी चुनौती से हमें गुजरना होगा.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सबसे पहले भीड़ को रोकना होगा, लेकिन भीड़ हमारी दिनचर्या की हिस्सा रही है, ऐसी स्थिति में इससे बच नहीं सकते. भारतीय संस्कृति संयुक्त परिवार और एक विस्तृत सामाजिक संरचना से जुड़ी है. इसलिए हमारा पाश्चात् संस्कृति की तुलना में हमारे सामाजिक संबंध भी काफी बड़ा होता है. इसलिए एक छोटे से आयोजन या समारोह में चार-पांच सौ लोगों की भीड़ आम बात हो जाती है, लेकिन अब वक्त मानवता और मानवीय जीवन को बचाने के लिए एक बड़ी चुनौती से गुजरने का आ गया है.
सरकारें और विशेषज्ञ हमेशा कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए आग्रह कर रहे हैं, लेकिन हम अपने पुरानी आदतों से निकल नहीं पा रहे हैं. इसलिए मानवीय जीवन को बचाने के लिए हमें अब समारोहों को अब परिवार तक सीमित रखने का वक्त आ गया है. मानवीय जीवन की संरक्षण के लिए हर व्यक्ति को संकल्प लेना होगा, तभी कोरोना से मुक्ति संभव है. जिंदगी रही और मानव रहे तो बड़े आयोजन फिर होंगे.
आज के ऐसे में सबसे बड़ी जिम्मेदारी सामाजिक संस्थाओं के कंधों पर है. कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन और शटडाउन में आपने अपनी जिम्मेदारियों को निर्वहन करते हुए बहुतों को भूख से मरने से बचाया है, लेकिन अब लोगों को बीमारी से मरने से बचाने का वक्त आ गया है. एक ऐसा संकल्प लेने का वक्त आया है कि हमें आयोजन को हालात सामान्य होने तक स्थगित रखना होगा. आपका संकल्प न सिर्फ आपके समाज के व्यक्ति को इस महामारी से बचाये, अपित पूरी दुनिया में एक मिसाल कायम करेगा.
सामाजिक संस्थाओं को कोरोना मुक्ति के लिए आयोजनों को स्थगित रखने का संकल्प लेना ही होगा. हाल के दिनों में मैंने कई ऐसे बड़े आयोजनों को देखा है, जहां सामाजिक दूरी की बात तो छोड़िये, लोगों ने चेहरे पर मास्क भी नहीं पहन रखा था. हजारों की संख्या में भीड़ थी. सोचिए कुछ हालात गंभीर होते तो क्या होता, कौन जिम्मेदारियां लेता. इसलिए हर नेतृत्व को एक जिम्मेदार नेतृत्व को आयोजनों को स्थगित रखने का संकल्प लेना ही होगा. अगर आप यह निर्णय लेते हैं, हमें जरूर सूचित कीजिए, इण्डो एशियन टाइम्स आपके संकल्प को न सिर्फ प्रमुखता से प्रकाशित, अपितु “मानवता संरक्षक” का प्रमाणपत्र से सम्मानित भी करेगा.
आयोजनों के स्थगित करने के संकल्प की जानकारी हमें वाट्सअप पर प्रदान करें. 9776682222 (संस्था के नाम का उल्लेख अवश्य करें.)