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महात्मा गांधी पर चर्चा के दौरान भाजपा ने राज्य सरकार को घेरा

  •  शराब बंदी, गोरक्षा, ओड़िया भाषा में कामकाज व धर्मांतरण को लेकर महात्मा गांधी के विचारों की अनदेखी कर रही है राज्य सरकार – प्रदीप्त नाएक

भुवनेश्वर. महात्मा गांधी के ओडिशा आगमन के एक 100 साल पूरे होने के अवसर पर विधानसभा में संकल्प प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रदीप नायक ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांधी जी की बात कर रही है, लेकिन गांधी जी की नीतियों के संपूर्ण विपरीत कार्य कर रही है. शराबबंदी से लेकर गोरक्षा तक, ओड़िया भाषा में सरकारी कामकाज एवं धर्मांतरण पर रोक जैसे मुद्दे पर महात्मा गांधी के विचारों को राज्य सरकार पूरी तरह से अनदेखी कर रही है.
नायक ने कहा कि महात्मा गांधी के ओडिशा आगमन के 100 साल पूरे होने पर इतिहास में क्या हुआ था, उसकी चर्चा करने के साथ-साथ उनके विचारों को हम कितना मान रहे हैं और राज्य सरकार उसके आधार पर नीतियां बना रही है कि नहीं, इस पर विश्लेषण करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि गांधी एक सामान्य व्यक्ति नहीं हैं. गांधी एक विचार हैं. यदि हम गांधी की बात करते हैं और सरकार की नीतियों में गांधी जी के विचारों का प्रतिफलन नहीं होता है, तो यह लोगों को एक नौटंकी जैसा लगेगा.नायक ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत भले ही गरीब रहे, यह वह पसंद करेंगे, लेकिन हजारों की संख्या में लोग शराबी बन जाएं, यह उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके उलट कार्य कर रही है और शराब के जरिए कैसे अधिक राजस्व हासिल किया जा सकेगा, अधिक लोग कैसे शराबी बनेंगे, जो अधिक शराब बेचेगा, उसे सरकार पुरस्कार देगी, इस नीति पर चल रही है. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह गांधीजी के प्रति श्रद्धांजलि है.नायक ने कहा कि ओडिशा पहला राज्य है, जहां गो हत्या पर रोक को लेकर कानून था, लेकिन वर्तमान स्थिति में सबसे अधिक गो तस्करी ओडिशा से ही हो रही है. प्रतिदिन संबंधित खबरें समाचार पत्रों में छप रही हैं. पुलिस प्रशासन चुप बैठा है. गांधीजी ने कहा था कि मैं गाय की पूजा करता हूं और उसके पूजा के समर्थन के लिए संपूर्ण विश्व का मुकाबला करने के लिए तैयार हूं.उन्होंने कहा कि राज्य में कामकाज अंग्रेजी में हो रहा है, सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज में ओड़िया भाषा का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. गांधी जी इसके खिलाफ थे. गांधी जी कहां करते थे कि अंग्रेजी के बिना हमारा कामकाज नहीं चल पाएगा, यदि हम यह सोच रहे हैं, तो यह हमारी मानसिक दासता का प्रतिफलन है. मैं इस पर पराजयवाद का कभी समर्थन नहीं कर सकता.उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी धर्मांतरण के कड़े विरोधी थे. उन्होंने कहा था कि यदि उनके पास सत्ता होती ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण के इस धंधे को पूरी तरह से बंद कर देते लेकिन ओडिशा में अंतरण रोकने के लिए कानून होने के बावजूद खुलम खुला धर्मांतरण का खेल चल रहा है. उन्होंने सवाल किया कि राज्य सरकार इस तरह से गांधी जी के प्रति श्रद्धांजलि दे रही है.नायक ने कहा कि महात्मा गांधी भारत की आत्मा को जानते थे, उनका उनके विचारों के अनुसार, भारत विकास के पथ पर अग्रसर होना चाहिए था. गांव, गाय, भारतीय सभ्यता, संस्कृति, आध्यात्मिकता, धर्मांतरण मुक्त समाज गांधीजी का सपना था. दुर्भाग्य की बात यह है कि राज्य सरकार अपने आप को गांधीवादी बता रही है, लेकिन उनके विचारों पर अमल करने के बजाए उसके प्रतिकूल काम कर रही है. इसलिए गो-हत्या को पूर्ण प्रतिबंध, ओड़िया भाषा में कामकाज, शराब पर पूर्ण रुप से पाबंदी तथा धर्मांतरण पर पूर्ण रोक लगा कर ही हम गांधीजी के प्रति श्रद्धांजलि दे सकते हैं.

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