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राउरकेला एनआईटी के दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में शामिल हुए राष्ट्रपति
भुवनेश्वर/ राउरकेला. भौतिकतावादी लाभ के मापदंड पर अपने सफलता का विचार न करें. सफलता के पारंपारिक विचार व समाज के दबाव में न आकर आप जीवन में जो भी करना चाहते हैं, उसे तय करें. जो काम आपको आत्मसंतोष प्रदान करे व खुशी दे, उस कार्य को करें. जो कार्य आप के परिवार को गर्व प्रदान करे उसे करें. एक सफल मार्ग स्वयं तय कर उस पर आगे बढें. राउरकेला स्थित एनआईटी के दीक्षांत कार्यक्रम में संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छात्र–छात्राओं को यह सलाह दी.
राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे हमेशा महात्मा गांधी के प्रख्यात बीज वाक्य को स्मरण करें. इसका संदेश यह है कि किसी भी कार्य करने के समय आप के द्वारा देखे गये गरीब व निर्बल व्यक्ति को याद करें. आपके द्वारा किये गये कार्य से उस व्यक्ति के जीवन में कुछ लाभ होगा या नहीं इस पर विचार करें. यदि आपके कार्य से उस व्यक्ति के भाग्य में परिवर्तन होगा, ऐसा आपको लगेगा तो उस हिसाब से कार्य़ करें.
उन्होंने कहा कि तकनीकी व वैज्ञानिक शिक्षा में लड़कियों की प्रवेश की संख्या कम है. हाल ही में किये गये एक सर्वेक्षण में भारत में इंजीनियरिंग व तकनीकी संस्थानों में लड़कियों की प्रवेश की संख्या मात्र 20 प्रतिशत है. हमारी लड़कियों को इस क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रवेश करा कर अन्य क्षेत्रों की तरह इसमें अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित किये जाने की आवश्य़कता है. उच्च शिक्षा विशेष कर इंजीनियरिंग, विज्ञान, प्रौद्यगिकी, गणित, आदि क्षेत्रों में लड़कियों के अधिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है. तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हमारे राष्ट्रीय विकास को नयी दिशा प्रदान करेगी.उन्होंने कहा कि एक विश्वविद्यालय व संस्थान उसके आस पास के इलाकों के समुदायों को सशक्त करने की दिशा में कार्य करना चाहिए. विश्वविद्यालय सामाजिक जिम्मेदारी के विषय को वह हमेशा महत्व देते रहे हैं. उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि राउरकेला एनआईटी पांच गांवों को उन्नत भारत अभियान कार्यक्रम के तहत गोद लिया है.