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6 लाख 73 हजार 79 प्रवासियों के बीच सरकार ने आवंटित किए हैं 134.62 करोड़ रुपया
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विधानसभा में श्रम मंत्री सुशांत सिंह ने दी जानकारी
भुवनेश्वर. कोरोना संक्रमण के समय में राज्य को लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक प्रदेश में आए थे. प्रवासी श्रमिकों की जीविका एवं रिलीफ के लिए सरकार ने धन खर्च कर उनकी मदद की थी. श्रमिकों की जीविका सुरक्षा खर्च के संदर्भ में मंगलवार को खंडपड़ा विधायक द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब श्रम मंत्री सुशांत सिंह ने विधानसभा में दी है.मंत्री ने सदन के सामने तथ्य रखते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण के समय पिछले साल मई महीने से अक्टूबर महीने के बीच राज्य में 10 लाख 7 हजार 330 श्रमिक ओडिशा लौटे थे. इन श्रमिकों को संगरोध केन्द्र में रखने के बाद तुरन्त सहायता के बाबद मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रत्येक व्यक्ति को 2 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है. सरकार ने 2020 अगस्त महीने के अंत तक 6 लाख 73 हजार 79 प्रवासी को सरकार 134.62 करोड़ रुपया आवंटित किया है.श्रमिकों की जीविका सुरक्षा के लिए मनरेगा मिशन शक्ति जैसी योजना एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभाग जैसे पंचायतीराज एवं पेयजल विभाग, अनुसूचित जनजाति तथा अनुसुचित जाति मुख्यालय एवं अन्य पिछड़े वर्ग विकास विभाग, महिला एवं शिशु विकास तथा मिशन शक्ति विभाग के अधीन कार्यकारी योजना के माध्यम से कोविड-19 विशेष राहत पैकेज सरकार ने कार्यकारी किया. इसके अलावा सरकार ने कृषि एवं किसान सशक्तीकरण विभाग, सूक्ष्म, छोटे एवं मझोले उद्योग, कारखाना, गृह निर्माण तथा नगर विकास, मछली व पशुपालन संसाधन, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा आदि विभाग में प्रचलित योजना तथा कार्यक्रम के अधिन श्रमिकों की जीविका सुरक्षा के लिए रोजगार तैयार किए जाने की सूचना मंत्री ने दी है.इसके अलावा राज्य सरकार के अनुमोदन क्रम में ओडिशा कोठाबाड़ी (पक्का मकान) व अन्य श्रमिक कल्याण बोर्ड तरफ से सक्रिय पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को 1500 रुपये तक विशेष आर्थिक पैकेज दिया है. 2020 अगस्त महीने तक इस तरह से 4 हजार 689 प्रवासी श्रमिकों को सरकार ने सहायता राशि प्रदान की है. पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सहायता आवंटन के समय राज्य के बाहर रहने वाले व घर पर अनुपस्थित रहने वाले श्रमिकों को सहायता राशि उनके बैंक खाते में जमा कराए जाने की जानकारी मत्री ने दी. कोरोना प्रतिबंध में ढिलाई दिए जाने के बाद कितने श्रमिक अब रोजगार के लिए बाहर चले गए हैं, उसका तथ्य विभाग के पास ना होने की बात मंत्री ने कही है.