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पंचायत के लोगों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को लिखा खत
संबलपुर। पिछले पचास सालों से विकास की बाट जोह रहे पड़ोसी जिला बरगढ़ के छरडापाली पंचायत के लोगों का साहस अब जवाब दे चूका है। कोटिया की तर्ज पर अब उन्होंने पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में मिलने का मन बना लिया है। इस सिलसिले में उन्होने छत्तीसगढ प्रदेश के सरायपाली डीएम एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विधिवत चिी लिखकर अनुरोध किया है। मिली जानकारी के अनुसार चिी की अलग-अलग प्रतिलिपि केन्द्रीय गृह मंत्रालय, ओडिशा के मुख्यमंत्री, ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं बरगढ़ डीएम को भी भेजा गया है। कुछ दिन पहले ही आंध्रप्रदेश सरकार ने सीमांत पर स्थित कोटिया में पंचायत चुनाव कराकर उसे अपने अधीन करने का सफल प्रयास कर लिया है। अब यदि बरगढ़ का छरडापाली पंचायत में इस तरह की सुगबुगाहट उभरकर सामने आ रही है तो यह प्रदेश सरकार की विफलताओं का ज्वलंत उदाहरण बनकर सबके सामने खड़ा हो जाता है। यहांपर बताते चलें कि पड़ोसी जिला बरगढ़ के पाइकमाल ब्लॉक के अधीन संचालित है छरडापाली पंचायत। छरडापाली समेत छणघरिया, गुंडिचाडिही, लहंडीपुर एवं लूहूराकोट गांव को लेकर इस पंचायत का गठन किया गया है। बरगढ़ जिला के पदमपुर सबडिवीजन से मात्र 15 किलोमीटर दूर यह पंचायत नदी, नाला, पहाड़ एवं जंगलों से घिरा हुआ है। पंचायत के तीनों ओर नदी का बहाव है। मसलन बारिश के दिनों में यह गांव आसपास के इलाकों से पूरी तरह कट जाता है। पंचायत के लोग वर्षों से शिक्षा, स्वास्थ्य एवं बैंकिंग समेत अन्य मौलिक सुविधाओं से वंचित हैं। गमनागमन की सुविधा के हेतु पंचायत के लोग पिछले चालीस सालों से अंग नदी में ब्रिज बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद आजतक ओडिशा सरकार ने उनकी व्यथा को समझने का प्रयास नहीं किया। मजबूरन पंचायत के लोग वर्षों से अपनी जरूरत की सामग्री छत्तीसगढ के सराईपाली बाजार से खरीद रहे हैं। पंचायत के लोगों का कहना है कि वर्षों तक उन्होंने अपनी फरियाद ओडिशा सरकार को सुनायी, किन्तु उनकी समस्या के समाधान हेतु उचित पदक्षेप नहीं उठाया गया। मसलन उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रदेश से मिलने का मन बनाया है और आनेवाले दिनों में इस आंदोलन का रूप दिया जाएगा।