भुवनेश्वर. कमिश्नरेट पुलिस की साइबर क्राइम हेल्प डेस्क ने भुवनेश्वर में दो व्यक्तियों के बैंक खातों से जालसाजी कर निकाले गये 1.3 लाख रुपये को सफलतापूर्वक बरामद कर लिया है. जानकारी के अनुसार, साइबर अपराधियों देवाशीष मल्लिक के बैंक खातों से 70,090 रुपये निकाले थे. यह विभिन्न वस्तुओं के सप्लायर के रूप में काम करते हैं.
बताया जा रहा है कि देवाशीष इंटरनेट की समस्या से परेशान थे और उन्होंने एक मोबाइल कंपनी से 26 फरवरी को दो मोबाइल नंबर पाए. बाद में कंपनी के प्रतिनिधि होने का ढोंग करने वाले जालसाजों ने देवाशीष को रिमोट एक्सेस ऐप एनिडेस्क डाउनलोड करने के लिए कहा. बिना कुछ जाने देवाशीष ने निर्देशों का पालन किया और ऐप डाउनलोड किया. इसके बाद जालसाजों ने गूगल पे के माध्यम से कुछ भुगतान किए. धोखेबाजों ने आनलाइन स्मार्टफोन का नियंत्रण अपने कब्जे में ले लिया और अपने यूपीआई पिन प्राप्त करके 70,090 रुपये की दो लेन-देन की. इस मामले की जांच करते हुए साइबर पुलिस हेल्प डेस्क ने घोटालेबाजों के बैंक खाते से पूरी रकम वसूलने में कामयाब रही.
एक अन्य घटना में एक नरेश चंद्र नामक एक व्यक्ति को फोन आया कि उनके मोबाइल नंबर की वैधता जल्द ही समाप्त हो जाएगी. बीएसएनएल के प्रतिनिधियों के रूप में परिचय देने वाले धोखेबाजों ने उन्हें एक ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा और दोनों डिवाइस जोड़ने के लिए आईडी नंबर मांगा.
जालसाज के निर्देश पर नरेश ने बिना किसी विचार के 10 रुपये का रिचार्ज कराया कि यह साइबर अपराधियों की चाल थी कि वह अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर सके.
पुलिस ने कहा कि इंटरनेट बैंकिंग उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड प्राप्त करने के बाद धोखेबाजों ने पीड़ित के बैंक खाते से 74,000 रुपये का लेनदेन सफलतापूर्वक किया.
साइबर अपराध हेल्पडेस्क द्वारा समय पर हस्तक्षेप और कार्रवाई के कारण नरेश को कुल धन का 58,987 रुपये वापस मिल गया है.
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