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इस साल अब तक जा चुकी है 46 लोगों की जान
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सरकार ने रखा है शून्य शिल्पायन दुर्घटना मृत्यु का लक्ष्य
भुवनेश्वर. इस साल राज्य में औद्योगिक दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2019 में 32 श्रमिक की मौत हुई थी जबकि 2020 में यह संख्या बढ़कर 46 तक पहुंच गई है। लाकडाउन के समय कारखाना बंद थे, मगर खुलते ही अनेकों कारखाना में तकनीकी गड़बड़ी के कारण दुर्घटना हुई और श्रमिकों की जान चली गई। राज्य में औद्योगिक दुर्घटना एवं मृत्यु संख्या जीरो करने के लिए सरकार ने लक्ष्य रखा है मगर अब तक सरकार को इसमें सफलता नहीं मिली है।
सरकारी तथ्य के मुताबिक 2019 में सामान्य औद्योगिक दुर्घटना के 545 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 32 श्रमिकों की मौत हुई है। एक आकंड़े के मुताबिक 2010 में औद्योगिक दुर्घटना से 121 लोगों की जान चली गई थी जबकि 2012 में 78 एवं 2018 में 42 श्रमिकों की जान गई है। कारखानों में श्रमिक सुरक्षा संबन्धित जांच नहीं की जा रही है, जिसके चलते दुर्घटना एवं मृतकों की संख्या में इजाफा होने का अनुमान लगाया गया है। प्राकृतिक संसाधन से भरपूर ओड़िशा में औद्योगिक से संबन्धित दुर्घटना कम करने एवं श्रमिकों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कानून बनाया है। हालांकि इस कानून का सही ढंग से अनुपालन नहीं होने के आरोप लगते रहे हैं। किसी उद्योग एवं खदान में दुर्घटना होने से श्रमिकों की मृत्यु होने पर सरकार कार्रवाई स्वरूप जांच कर कुछ दिन के लिए उद्योग को बंद कर अपने दायित्व का इतिश्री कर लेती है। अनेकों कारखाना के अधिकारी श्रमिक सुरक्षा को महत्व नहीं देने के उदाहरण विद्यमान है।
2019 परिसंख्यान रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में सामान्य औद्योगिक दुर्घटना 493, महाराष्ट्र में 218, मध्य प्रदेश में 91, हरियाणा में 91 तथा उत्तर प्रदेश में 69 दुर्घटना हुई है। यांत्रिक दुर्घटना दिल्ली में 984 हुई है जबकि महाराष्ट्र में 837, गुजरात में 336, राजस्थान में 333 तथा मध्य प्रदेश में 275 दुर्घटना हुई है। भारत में 3900 श्रमिक औद्योगिक दुर्घटना में घायल हुए थे, जिसमें से 500 श्रमिकों की मौत हुई है। असुरक्षित कार्य के कारण प्रति 15 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है।
इस संदर्भ में आईक्यूइएमएस के संचालन निदेशक देवव्रत पाणीग्राही ने कहा है कि औद्योगिक दुर्घटना में श्रमिक मृत्यु के कारण परिवार, राज्य एवं राष्ट्र की संपत्ति को भारी नुकसान होता है। औद्योगिक दुर्घटना से होने वाली मौत को शून्य करने के लिए ओड़िशा राज्य सुरक्षा कनक्लेव कार्य कर रहा है। कारखाना वाष्पित निदेशालय के उपनिदेशक मनोज पंडा ने कहा है कि कोरोना के िलए लाकडाउन लगाया था। उस समय कारखाना बंद थे। खुलने के बाद यांत्रिक गड़बड़ी के कारण दुर्घटना हुई है और पिछले साल की तूलना में मृत्यु संख्या में इजाफा हुआ है। राज्य स्तरीय एवं प्रत्येक डिवीजन स्तर पर औद्योगिक संस्थान को बुलाकर बैठक की जा रही है। स्थिति में सुधार आ जाने की उम्मीद है।