-
कहा- बड़े भाग्य से मिलता है मनुष्य का तन
-
सत्कर्म करने का किया आह्वान
कटक. यहां के टाउन हाल में आयोजित नागरिक अभिनंदन के दौरान डा किशनलाल भरतिया ने लोगों से आह्वान किया कि आप अपनी जिंदगी को 3-जी मोड को समर्पित कर दीजिए, संवर जायेगी. पहले जी का तात्पर्य यहां गुरु से है. दूसरे जी का तात्पर्य गोविंद से और तीसरे जी का तात्पर्य गोमाता से है. अपने जिंदगी में शून्य से शिखर पर पहुंचे डा भरतिया ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि गुरु, गोविंद और गोमाता के सानिध्य के बिना जिंदगी कभी सफल नहीं हो सकती है. इसलिए आप इनके शऱण में जाकर अपने आपको सत्कर्मों में लीन कर लीजिए. उन्होंने तुलसी बाबा की चौपाई -– “बड़े भाग मानुष तन पावा। सुर दुर्लभ सद् ग्रन्थन्हि गावा।। साधन धाम मोक्ष कर द्वारा। पाई न जेहिं परलोक सँवारा।।”, के माध्यम से मानव जन्म के उद्देश्यों को समझाया. उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन बहुत भाग्य से मिला है. यह देवताओं को भी दुर्लभ है, इसलिए वो भी मानव शरीर प्राप्त करने के लिए लालायित रहते हैं. यह मोक्ष का द्वार है, क्योंकि हम साधना करके मुक्ति तक की यात्रा मानव योनि में ही कर सकते हैं. अगर ऐसा दुर्लभ मानव जन्म पाकर भी जीव अपना परलोक नहीं सुधारता है तो उसका ये दिव्य जन्म व्यर्थ हो जायेगा.