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टीम ने किया सिमिलिपाल बाघ अभ्यारण्य का दौरान, किसी भी जीव की मृत्यु से इनकार
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लोगों के पौधों के ठूंठ या महुआ जलाने से आग भड़कने का अंदेशा
भुवनेश्वर. राज्य के जंगलों में आग लगने के सिलसिल जारी है. अब राजधानी स्थित प्रमुख पर्यटनस्थल खंडगिरि की पहाड़ियों में आग लगने की सूचना है. खबरों के अनुसार इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल खंडगिरि में पहाड़ी पर आग कल शाम 5 बजे लगी. देखते ही देखते यह लगभग पांच एकड़ जंगल में फैल गयी.
इसकी जानकारी मिलते ही दमकल कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और आग बुझाने के लिए व्यापक अभियान चलाया. छह दमकलकर्मियों ने दो घंटे तक संघर्ष किया और आग को नियंत्रण में लाया. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार, एशिया के दूसरे सबसे बड़े बायोस्फीयर रिजर्व, सिमिलीपाल में जंगल की आग के अलावा ओडिशा में 394 अन्य वन क्षेत्र भी आग की चपेट में हैं. इससे वन्यजीवों की प्रजातियों, औषधीय पौधों और बड़े पैमाने पर पर्यावरण को भारी खतरा है.
इधर, ओडिशा पीसीसीएफ शशि पाल ने कहा कि सिमिलिपाल नेशनल पार्क में आग की स्थिति काफी सामान्य है. हालांकि इस बारे में साफ नहीं हुआ है कि राज्य में दूसरे सबसे बड़े बायोस्फीयर रिजर्व में आग कैसे लगी है. स्थिति कभी भी नियंत्रण से बाहर नहीं हुई है और आग राष्ट्रीय उद्यान की परिधि तक सीमित हो गयी है. सिमिलिपाल बाघ अभ्यारण्य का प्रमुख क्षेत्र सुरक्षित है.
उल्लेखनीय है कि एशिया के दूसरे सबसे बड़े बायोस्फीयर रिजर्व सिमिलिपाल नेशनल पार्क में भड़की आग को जब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने उछाला, तो ओडिशा सरकार ने पीसीसीएफ शशि पाल के नेतृत्व में एक टीम को स्थिति का जायजा लेने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सिमिलिपाल भेजा.
लगभग तीन दिवसीय प्रवास के बाद समिति राज्य की राजधानी में वापस आ गई है और शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए ओडिशा पीसीसीएफ पॉल ने कहा कि सिमिलिपाल में जंगल की आग से किसी भी जीव की मृत्यु नहीं हुई है. आग आरक्षित वन के परिधीय क्षेत्रों तक सीमित है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रारंभिक आकलन है कि आग लोगों के ठूंठ या महुआ को जलाने के कारण भड़की चिंगारी से फैली होगी.