अशोक पाण्डेय, भुवनेश्वर
स्थानीय उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय में स्वर्गीय रवीन्द्र सिंह ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. वह काफी लंबे समय से पुस्तकालय-परिवार से जुड़े रहे. उनकी शोक में एक सभा आयोजित की गई, जिसमें उनकी पत्नी किरन ठाकुर, उनकी सुपुत्री पायल ठाकुर, उनके सुपुत्र रोहित ठाकुर मुख्य रुप से उपस्थित थे. कार्यक्रम का आरंभ स्वर्गीय रवीन्द्र सिंह ठाकुर की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुआ. उसके उपरांत अशोक पाण्डेय,पुस्तकालय के संगठन सचिव ने शोक संदेश पढ़ा, जिसमें यह बताया गया कि पुस्तकालय से काफी लंबे समय से जुड़े हुए रवीन्द्र सिंह ठाकुर, आरआरएल, भुवनेश्वर के अवकाशप्राप्त वैज्ञानिक के साथ-साथ हिन्दी के एक नामचीन कवि एवं लेखक भी थे. उनका स्वर्गवास दिनांक 12 फरवरी, 2021 को भुवनेश्वर में हो गया. उनके असामयिक निधन पर पूरा पुस्तकालय -परिवार आज स्तब्ध एवं शोकग्रस्त है. शोक संदेश वाचन के उपरांत सभी अपनी-अपनी जगह पर खड़े होकर दो मिनट का मौन रखकर स्वर्गीय रवीन्द्र सिंह ठाकुर की दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए तथा उनकी सबसे करीबी उनकी धर्मपत्नी एवं उनके परिवार के सदस्यों को उस सदमे से उबरने हेतु भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की गई. शोकसभा की अध्यक्षता पुस्तकालय के मुख्य संरक्षक सुभाष भुरा ने की, जबकि इस अवसर पर अंजना भुरा, रामकिशोर शर्मा, शिवकुमार शर्मा, मंजुला अस्थाना, रश्मि धवन, नारायण दास मावतवाल, एस धवन, किरन ठाकुर, पायल ठाकुर, रोहित सिंह ठाकुर, भाई किशन खण्डेलवाल आदि ने स्वर्गीय रवीन्द्र सिंह ठाकुर के अपने-अपने सानिध्य के अनुभवों को सुनाया, जिसमें स्वर्गीय ठाकुर को हंसमुख,स्पष्टवादी तथा सच्चा परोपकारी बताया गया. अपने संबोधन में सुभाष भुरा ने ठाकुर को एक संवेदनशील कवि बताते हुए उनकी प्रकाशित कविताओं के संग्रह में से सबसे अच्छी कविता के रुप में उनकी उन पंक्तियों को उद्धृत किया, जिनमें स्वर्गीय ठाकुर ने अपनी कब्र को अपनी कद से बड़ी बनाने की अपील की थी. इस अवसर पर अंजना भुरा,रवीन्द्र केड़िया,पत्रकार शेषनाथ राय, चन्द्रशेखर अग्रवाल, मुन्नी अग्रवाल,वीरेन्द्र बेताला समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे. मंच संचालन किशन खण्डेलवाल ने किया जबकि आभार प्रदर्शन किया रामकिशोर शर्मा ने.