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महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ उच्च जोखिम वाले राज्य की सूची में
भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने पूर्व घोषित 12 राज्य की जगह पांच राज्यों, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को उच्च जोखिम वाला राज्य माना है, जहां कोरोना की तीसरी लहर चल रही है. अन्य राज्यों से ओडिशा आने वाले यात्रियों को लेकर जारी किए गए एहतियाती उपायों में राज्य सरकार ने आंशिक रूप से सुधार किया है. पूर्व घोषित 12 राज्यों की जगह अब राज्य सरकार ने पांच उच्च-जोखिम वाले राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए उपायों को सीमित करने का फैसला लिया है. इसे लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप कुमार महापात्र ने सभी कलेक्टरों, नगर आयुक्तों और सीडीएम और पीएचओ को महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के यात्रियों के लिए एहतियाती उपायों को सीमित करने का निर्देश दिया है. महापात्र ने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और भविष्य में अगर स्थिति ऐसी होती है, तो अन्य राज्यों के लिए निगरानी बढ़ाई जा सकती है.
उपरोक्त पांच राज्यों से आने वाले उन सभी यात्रियों के लिए 7-दिवसीय होम आइसोलेशन अनिवार्य होगा, जिनके पास बोर्डिंग से 72 घंटे पहले की कोविद टीकाकरण प्रमाण पत्र या आरटी-पीसीआर की नकारात्मक रिपोर्ट नहीं होगी. इससे पहले ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को कोविद-19 के प्रसार को रोकने के लिए महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ के यात्रियों के लिए एहतियाती उपाय जारी किए थे, लेकिन इस निर्देश में संशोधन करते हुए सिर्फ पांच राज्यों, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के यात्रियों आगमन पर नजर रखी जायेगी.
इन राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों को प्रोटोकॉल के अनुसार हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने पर स्क्रीनिंग की जायेगी. इसके बाद उन्हें घर में सात दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा. यदि इस अवधि के दौरान उनमें कोरोना के कोई लक्षण दिखते हैं, तो उन्हें आरटी-पीसीआर परीक्षण करना होगा. यदि आरटी-पीसीआर परीक्षण में सकारात्मक पाया जाता है, तो उन्हें कोविद उपचार प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जायेगा.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप कुमार महापात्र ने कहा कि किसी भी शिथिलता के परिणामस्वरूप ओडिशा में महामारी का पुनरुत्थान हो सकता है और पिछले महीनों में किये गये सभी प्रयासों को बर्बाद कर सकता है.
उन्होंने कहा कि सभी लक्षणग्रस्त यात्रियों की ऑन-साइट रैपिड एंटीजन परीक्षण सुनिश्चित किया जाना है.