भुवनेश्वर. प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप नायक ने गुरुवार को ग्रामरक्षियों की विभिन्न मांगों को पर विचार करते हुए उन्हें पूरा करने के का मुद्दा विधानसभा में उठाया. नायक ने कहा कि ग्रामरक्षी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं और उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है. शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए नायक ने कहा कि अंग्रेजों के समय से ही ग्रामरक्षी से अपना काम करते आ रहे हैं. गांव में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर उसका समाधान करना व पुलिस प्रशासन को इसकी खबर देना उनका काम रहता है. वह महीने में चार ड्यूटी करते हैं और उन्हें 1800 रुपये प्रतिमाह पारिश्रमिक दिया जाता है. अब जिन गांव में ग्रामरक्षियों की मौत हो रही है, उस गांव में वह पद समाप्त कर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामरक्षियों को सरकारी नौकरी की मान्यता देने के साथ-साथ उनका स्वास्थ्य बीमा भी कराया जाना चाहिए. इसके साथ ही किसी की मौत होने पर उसके पद को समाप्त ना करते हुए फिर से इस पद के लिए चयन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पद पर अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के गरीब लोग अधिक संख्या में हैं. अतः उनकी मांगों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार सार्थक कदम उठाए.
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