भुवनेश्वर. ओडिशा में मौसम ने फिर करवट लेना शुरू कर दिया है. राज्य के कई हिस्सों में बढ़ते तापमान के मद्देनजर विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप जेना ने गर्मी की स्थिति से निपटने के लिए जिलाधिकारियों को एडवाइजरी जारी की है. इसमें गर्मी से निपटने की तैयारियों और एहतियाती उपायों के बारे में सलाह दी गयी है. जिला कलेक्टरों को लिखे पत्र में जेना ने कहा कि ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) ने गर्मी से निपटने के लिए एक ‘हीट वेव एक्शन प्लान’ तैयार किया गया है. इसके तहत गर्मी की स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न विभागों, जिला प्रशासनों और अन्य के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करना होगा.
उन्होंने कहा कि चूंकि गर्मी का मौसम तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि संभावित हीट वेव की स्थितियों से निपटने के लिए अपने जिले में विभिन्न स्तरों पर सभी तैयारियों और एहतियाती उपायों को पूरा करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं.
जनजागरुकता फैलाने पर जोर
एसआरसी ने गर्मी से संबंधित बीमारी और हताहतों की जांच के लिए तत्काल जन-जागरुकता अभियानों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि पानी की कमी को दूर करने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और जिला प्रशासन को पानी की कमी वाले क्षेत्र की पहचान करने के लिए अग्रिम कदम उठाने चाहिए और उन क्षेत्रों में टैंकर के माध्यम से पीने और अन्य उपयोगों के लिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कार्य योजना तैयार करनी चाहिए. शहरी व स्थानीय निकायों / ग्राम पंचायतों द्वारा बाजार, सावर्जनिक स्थानों, बस स्टैंड और अन्य सभास्थलों पर पनीय जल सेवा केंद्र (पेयजल कियोस्क) को खोला जाना आवश्यक है. पशुधन के लिए पानी के हौज का निर्माण या मरम्मत भी सुनिश्चित की जानी चाहिए.
विद्यालयों को विशेष देना होगा ध्यान
स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक तथा तकनीकी संस्थानों में कक्षाएं आयोजित करने के लिए सुबह का समय पुनर्निर्धारित किया जा सकता है. साथ ही सभी माता-पिता को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बच्चे स्कूल या कॉलेज जाते समय पानी की बोतल ले जाएं. छात्रों को हीट वेव एहतियाती सुझाव देने के लिए विद्यालयों को स्कूल के समय के दौरान कुछ समय आवंटित करने की सलाह दी जा सकती है. आंगनबाड़ी केंद्र केवल सुबह के घंटों में खुले रह सकते हैं तथा सभी केंद्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
अस्पतालों व वाहनों के लिए भी अलर्ट जारी
विभिन्न अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के रोगियों के उपचार के लिए विशेष व्यवस्था की जा सकती है और अलग वार्ड व बेड लगाए जा सकते हैं. ईएसआई डिस्पेंसरी को आम जनता के इलाज के लिए निर्देशित किया जा सकता है. सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों में पर्याप्त पोर्टेबल पानी और ओआरएस पैकेट होना चाहिए, जिसे जरूरत के समय यात्रियों या कर्मचारियों को प्रदान किया जाना चाहिए. गंभीर गर्मी की स्थिति के दौरान गैर-वातानुकूलित सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के समय को पुनर्निर्धारित करना पड़ सकता है, ताकि गर्मी के प्रकोप से यात्रियों को बचाया जा सके.
दोपहर में श्रमिकों को काम की अनुमति नहीं
गर्मी को प्रकोप को देखते हुए मजदूरों के कार्य की समयसीमा फिर से तय की जा सकती है. पीक आवर्स में हीट वेव पीरियड के दौरान किसी भी श्रमिक को काम पर नहीं लगाया जाना चाहिए.
बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी
गर्मी को लेकर बिजली विभाग वितरण कंपनियों को भी अलर्ट किया गया है, ताकि गर्मी के महीनों के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखा जा सके.