भुवनेश्वर. कोरापुट जिला के कोटिया सीमा विवाद सुप्रीम कोर्ट में होने के बीच आंध्र प्रदेश ने ओडिशा के और दो गांवों को अपने कब्जे में ले लिया है. सूत्रों के अनुसार, कोरापुट, गजपति, गंजाम और मालकानगिरि के बाद आंध्र प्रदेश अब रायगड़ा जिले के कुछ सीमावर्ती गांवों को अपने अधिकार में लेने की कोशिश कर रहा है. वह रायगड़ा के पलमतुलसी गांव के निवासियों को विभिन्न तरीकों से लुभाने की कोशिश कर रहा है.
सूत्रों ने बताया कि अभी गर्मी का मौसम आना बाकी है, लेकिन पलमतुलसी के निवासी अभी से ही पीने के पानी की कमी से जूझना शुरू कर दिया है. अपने सिर पर कलश लेकर गांव की महिलाएं पानी लाने के लिए मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं. केवल पीने के पानी ही नहीं, अपितु निवासियों को सड़क संचार, शिक्षा, स्वास्थ्य, टेली-संचार और अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं.
मीडिया से एक स्थानीय महिला ने कहा है कि हमारे गांव में पीने के पानी की कमी है. बरसात के मौसम में हम बारिश का पानी पीते हैं. हमारे पास शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
सूत्रों ने बताया कि पलमतुलसी गांव के जो लोग आंध्र प्रदेश के समर्थन में हैं, उनके पास बेहतर सुविधाएं हैं. उनको सरकारी लाभ जैसे राशन, पेंशन मिल रहे हैं, जो ओडिशा के गांवों के निवासियों की तुलना में बहुत अधिक है. आंध्र सरकार के सरकारी लाभ ने कई ग्रामीणों को सीमा के दूसरी ओर जाने और आंध्र की नागरिकता अपनाने के लिए प्रेरित किया है. कुछ आंध्र से लाभ पाने वाले लोगों ने कहा कि ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों को सरकार से बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलती हैं. निवासियों की समस्याओं पर प्रशासन आंखें मूंद लेता है. इसलिए मैं बेहतर सुविधाएं प्राप्त करने के लिए आंध्र प्रदेश चला गया.
इधर, अब ओडिशा के सीमावर्ती गांवों में प्रशासनिक उदासीनता का लाभ उठाते हुए आंध्र सरकार ने निवासियों को आकर्षित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क और पुलों का निर्माण शुरू किया है. आंध्र सरकार ने पलमतुलसी गांव में सड़क बनाने के लिए अपने दो गांवों- किटीलांग और जिरंगा को जोड़ने के लिए पोल लगवाया है. हालांकि इस कदम का पलमतुलसी के निवासियों ने कड़ा विरोध भी किया है, जो ओडिशा के प्रति समर्पित हैं. उन्होंने आंध्र को ओडिशा क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देने की कसम खाई थी, लेकिन इनको भी राज्य सरकार कम से कम सुविधाएं प्राप्त नहीं हो रही हैं. पलमतुलसी गांव के एक व्यक्ति ने कहा कि आंध्र सरकार के अधिकारियों ने इस क्षेत्र का सीमांकन किया था और सड़क निर्माण के लिए पोल लगाए थे. हालांकि, हमने आंध्र को हमारे क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देने का फैसला किया है और पोल को हटा दिया है.
इस मुद्दे पर रायगड़ा के उपजिलाधिकारी प्रताप चंद्र प्रधान ने कहा कि हमने ग्रामीणों को नहीं घबराने की सलाह दी है. हम इस मुद्दे पर सतर्क हैं और अगर ग्रामीण हमें इस तरह की गतिविधियों के बारे में सूचित करते हैं, तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे और इस तरह के कामों को रोकेंगे.
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