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जिले के बाहरी लोगों और साधु-संतों को शामिल होने की अनुमति नहीं
ढेंकानाल. माघ पूर्णिमा पर प्रसिद्ध जोरांडा मेला इस साल 25 से 27 फरवरी तक कोविद-19 प्रतिबंधों के बीच आयोजित किया जाएगा. हालांकि इसमें जिले और राज्य से बाहरी लोगों, साधु-संतों को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी. ढेंकानाल जिला प्रशासन ने एक लिखित आदेश जारी करते हुए कहा है कि इस मेले में जिले से बाहर के लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी. जिले के बाहर के साधु-संत भी इस मेले में शामिल नहीं हो सकेंगे. केवल ढेंकानाल जिले के साधुओं को वार्षिक आध्यात्मिक आयोजन में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन उन्हें भी जोरांडा पहुंचने पर कोविद की नकारात्मक रिपोर्ट पेश करनी होगी. लिखित आदेश में कहा गया है कि कुछ राज्यों में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सुरक्षात्मक कदम उठाने पड़ रहे हैं, ताकि ढेंकानाल जिला फिर से कोरोना का शिकार न हो. पत्र में कहा गया है कि जनता की भलाई और साधुओं की भागीदारी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष जोरांडा मेले का आयोजन केवल मर्यादित रीति-रिवाजों को पूरा करने वाले स्थानीय साधुओं के साथ सीमित तरीके से किया जाएगा.
जहां तक दिशा-निर्देशों का सवाल है, केवल 50 की संख्या में साधुओं को फेस मास्क पहनकर एक विशेष समय पर मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी और उन्हें केवल 10 मिनट के लिए परिसर के अंदर रहने की अनुमति दी जाएगी. उसके बाद 50 साधुओं के दूसरे जत्थे को अनुमति दी जाएगी. जिलाधिकारी ने अन्य जिलों और राज्यों के सार्वजनिक और साधुओं से आग्रह किया है कि वे मानव जगत की भलाई के लिए मेले में आने से परहेज करें.