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पारादीप से आंध्र प्रदेश गये हैं पंचायत चुनाव में वोट देने
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जिलाधिकारी ने बनायी जांच टीम, रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश
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दोषी पाये जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई
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जांच की खबर कुछ बीच रास्ते लौटे मछुआरे
जगतसिंहपुर. आंध्र प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनावों में पारादीप के तेलुगु समुदाय के कुछ मछुआरों द्वारा वोट डालने के आरोपों की जगतसिंहपुर के जिला प्रशासन ने एक जांच शुरू की है. प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है. जगतसिंहपुर कलेक्टर संग्राम केशरी महापात्र ने कहा कि अगर मछुआरे दोहरे मतदाता पहचान पत्र का उपयोग करते पाए जाते हैं, तो चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ पत्रकारों ने इस मामले को मेरे संज्ञान में लाया है. पारादीप नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम ने एक जांच की. अधिकारियों ने पाया कि कुछ लोग वोट डालने के लिए आंध्र के लिए रवाना हुए हैं, लेकिन पूछताछ के बारे में जानकारी प्राप्त करने पर कुछ लोग बीच रास्ते से लौट आए. जांच टीम को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है. अगर मछुआरों के पास दो मतदाता पहचान पत्र मिलते हैं, तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों ने कहा कि पारादीप में विभिन्न मलिन बस्तियों में रहने वाले कुछ तेलुगु मछुआरे आंध्र प्रदेश में ग्रामीण चुनावों में वोट डालने के लिए पहुंचे हैं. रिपोर्टों के बाद जिला प्रशासन ने दोहरे मतदाता पहचान पत्र रखने वाले व्यक्तियों की पहचान करने के लिए उपाय किए. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आंध्र प्रदेश के कुछ नेता ओडिशा के बंदरगाह शहर में मलिन बस्तियों में प्रचार करते देखे गए. वोट डालने के लिए सैकड़ों मछुआरे आंध्र में अपने मूल स्थानों के लिए रवाना हुए हैं.
लगभग 5000 मछुआरे लंबे समय से पारादीप में झुग्गियों में रह रहे हैं और ओडिशा सरकार से लाभ उठा रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कई तेलुगु मछुआरों के पास आंध्र और ओडिशा दोनों के मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड हैं. वे दोनों राज्यों से लाभ उठा रहे हैं. आंध्र प्रदेश में पंचायत चुनाव 5, 9, 13 और 17 फरवरी को चार चरणों में हो रहे हैं.