सुधाकर कुमार शाही, कटक
शहर स्थित राज्य के सबसे बड़े अस्पताल श्रीराम चंद्र भंज मेडिकल कालेज और अस्पताल (एसीबी) के मुर्दाघर की दयनीय स्थिति के कारण शवों के दुर्गंघ से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सूत्रों के अनुसार, इस बड़े अस्पताल में लावारिस शवों को मुर्दाघर में रखा जाता है, लेकिन मुर्दाघर में फ्रीजर अब लंबे समय से काम नहीं कर रहा है. इसलिए लावारिस शवों को फ्रीजर के बाहर रखा जाता है, जिससे शवों के सड़ने से दुर्गंध आती है. इससे मरीजों, उनको देखरेख करने वाले लोग और अस्पताल के कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, मुर्दाघर को ठंड करने के लिए दो एसी भी लगाये गये हैं, लेकिन वे भी खराब पड़े हुए हैं.
अस्पताल में आने वाले मरीजों का कहना है कि मुर्दाघर से निकलने वाली दुर्गंध के कारण कोई भी उस क्षेत्र से गुजर नहीं सकता है और ना ही वहां खड़ा हो सकता है. मुर्दाघर में लावारिस शवों को सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे दुर्गंध आती है.
उल्लेखनीय है कि मुर्दाघर के पास स्कीन और डायरिया जैसे दो महत्वपूर्ण वार्ड स्थित हैं. इस बीच मुर्दाघर की बदहाली के कारण यहां आने वाले रोगियों को और संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. साथ ही इन दोनों वार्डों में काम करने वाले कर्मचारियों और चिकित्सकों को मुर्दाघर से निकलने वाली दुर्गंध से वार्ड में बैठने दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सूत्रों ने बताया कि 96 घंटों के भीतर एक शरीर का अंतिम संस्कार करने की आवश्यकता होती है, लेकिन अस्पताल के अधिकारी ऐसा नहीं कर रहे हैं. वे 5-6 लावारिस शवों को ढेर करने के बाद दाह संस्कार करते हैं. शवगृह के अंदर शवों पर कीड़े रेंगते नजर आते हैं. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं है. कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी शवगृह में शवों के साथ अमानवीय व्यवहार की निंदा की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से ओडिशा के सबसे बड़े अस्पताल एससीबी में शवों को रखा जाता है, वह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है. हमने कई बार पहले भी अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया है. इस बीच, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि एक थर्ड पार्टी को मुर्दाघर के प्रबंधन के लिए लगाया जाएगा और फ्रीजर की जल्द से जल्द मरम्मत की जाएगी.
एससीबी प्रशासनिक अधिकारी, कल्पतरु बेहरा ने कहा कि आरएसडीसी (सेंट्रल रेंज) की अध्यक्षता में स्वस्तिक विकास समिति की बैठक आयोजित की गई थी, जहाँ हमने एक आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा मुर्दाघर के प्रबंधन और रखरखाव के लिए प्रस्ताव दिया था. आरडीसी ने इसे मंजूरी दे दी है और हम जल्द ही इस संबंध में कदम उठाएंगे.