केंद्रापड़ा. ओडिशा के भितरकनिका नेशनल पार्क के खारे जल में 16 सफेद मगरमच्छ देखे गये हैं. सोमवार को जारी नवीनतम जनगणना रिपोर्ट के अनुसार यहां अल्बिनो एस्टुरीन मगरमच्छों के लिए देश के एकलौता निवास्थल में इन सोलह सफेद मगरमच्छों को देखा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भितरकनिका में मगरमच्छ की आबादी चार दशक में 95 से बढ़कर 1,768 हो गई है. जनगणना टीम का नेतृत्व कर रहे सुधाकर कर ने कहा कि जब 1975 में केंद्र और यूएनडीपी का एक मगरमच्छ संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था, तब भितरकनिका में केवल दो सफेद मगरमच्छ थे. पिछले साल यह संख्या बढ़कर 15 हो गई थी. उन्होंने कहा कि हम पहले अल्बिनो मगरमच्छों के बीच मृत्यु दर के बारे में आशंकित थे, लेकिन उन्हें इतनी संख्या में फिर से देखा गया है, यह खुशी की बात है और ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय उद्यान का खरा पानी इनके लिए एक अनुकूल आवास के रूप में उभरा है. रिपोर्ट के अनुसार, 593 मगरमच्छ बच्चे, 367 सालभर के, 30 किशोर, 152 उप-वयस्क और 336 वयस्क हैं.
एस्टूराइन मगरमच्छ पश्चिम बंगाल के सुंदरवन और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मैनग्रोव आर्द्रभूमि में भी पाए जाते हैं, लेकिन इनकी आबादी भितरकनिका में सबसे अधिक है.
जंगल में 16 सफेद मगरमच्छों के अलावा, भितरकनिका पार्क के बाड़े में एक 46 वर्षीय मादा मगरमच्छ समेत दो मगरमच्छ भी शामिल हैं, जो संभोग करती है. भितरकनिका में दुनिया का सबसे बड़ा मगरमच्छ है, जिसकी लंबाई 21 फीट है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 70 प्रतिशत से अधिक मगरमच्छों को राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य क्षेत्र के जल निकायों में देखा गया, जिससे नदियों के किनारे बसे गांवों में मानव-पशु संघर्ष की संभावना कम हो गई.