भुवनेश्वर: अयोध्या में शुरू होने वाले एक भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए संपूर्ण भारत में, गाँवों शहरों से लेकर राज्य के सभी परिवारों से संपर्क किया जा रहा है. लोगों को अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण की जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा, निधि समर्पण अभियान पहले ही शुरू हो चुका है. इसी क्रम में भुवनेश्वर में मकर संक्रांति के बाद से यह अभियान शुरू किया गया है. श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का अभियान चल रहा है, इस बीच ओडिशा विधानसभा के अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण समिति ने संपर्क किया. इस संदर्भ में, श्री राम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण समिति ओडिशा के उपाध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (पूर्व) के प्रांत प्रचारक बिपिन बिहारी नंद और प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता लालचंद मेहता उनसे मिलने पहुंचे. ओडिशा विधानसभा के अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र ने सभी का स्वागत किया. समिति की ओर से ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्तावित श्रीराम मंदिर की तस्वीरें और श्रीराम मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई.
गौरतलब है कि अयोध्या में पुरुषोत्तम श्रीराम का भव्य मंदिर के निर्माण के लिए ओडिशा के तीन करोड़ भक्तों का सहयोग पाने के लिए गजपति महाराज श्री दिव्य सिंहदेव महाराज के करकमलों में एक निधि समर्पण और संपर्क अभियान चलाया गया. समिति के सदस्य महामहिम राज्यपाल, प्रो गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री प्रताप षाड़ंगी, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैजयंत पण्डा, ओडिआ समाचार पत्र संवाद के संपादक सौम्य रंजन पटनायक, भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता षाड़ंगी के आवास पर पहुंचे. उनसे भेंटकर उन्हें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर बारे में अवगत कराया. इन लोगों ने भी मंदिर निर्माण हेतु समर्पण निधि प्रदान की.
इसके अलावा, शहर के विभिन्न हिस्सों से कई गणमान्य व्यक्ति, भाइयों और बहनों ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पण निधि प्रदान की है. यह मंदिर संपूर्ण विश्व के रामभक्तों को जोड़ने के लिए एक सेतु का काम करेगा. पूज्य संतों ने लक्ष्य तय किया था कि 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान में चार लाख गांव, 11 करोड़ परिवार तथा 50 करोड़ हिन्दुओं तक संपर्क किया जाएगा. लेकिन जब प्रांतों में बैठकें हुईं तो संपूर्ण देश में हिन्दू समाज का अकल्पनीय उत्साह देखने को मिला और यह लक्ष्य छोटा पड़ गया. अब यह निश्चित हो गया है कि इस अभियान के अंतर्गत 5,23,395 गांव, 13 करोड़ परिवार तथा 65 करोड़ हिन्दुओं का योगदान भव्य मंदिर के लिए लिया जाएगा. इसके लिए देशभर में दस लाख टोलियां बनाई गई हैं, इसमें 40 लाख कार्यकर्ता जुडे हैं, यह अभियान विश्व इतिहास का सबसे बड़ा अभियान है.
निधि समर्पण और संपर्क अभियान के परिणामस्वरूप देश में हिन्दुत्व का एक प्रबल ज्वार आएगा और आने वाली सह्स्त्राब्दी राम की सह्स्त्राब्दी होगी. राम मंदिर से राम राज्य का मार्ग इसी अभियान से प्रशस्त होगा. ओडिशा में कुल 53,845 गांव हैं, जिनमें से 41,000 गांव, 50 लाख परिवार और तीन करोड़ हिन्दुओं का योगदान भव्य मंदिर निर्माण के लिए लिया जाएगा. समाज के सभी वर्गों से संपर्क करके ओडिशा के संपूर्ण हिन्दू समाज को जोड़ने का पावन कार्य इसी अभियान के माध्यम से किया जाएगा. अभियान के बाद ओडिशा में हिन्दू धर्म के प्रचार के प्रति एक अद्भुत समर्पण का भाव दिखाई देगा. प्रमुख संतों का एक मार्गदर्शक मंडल बनाया गया है. मार्गदर्शक मंडल में महिमा संप्रदाय, वनवासी वर्ग से संबंधित संतों सहित सभी मत, पंथ के संतों को सम्मिलित किया गया है. इसी प्रकार एक स्वागत समिति का गठन किया गया है, जिसमें प्रो. प्रफुल्ल मिश्र (कुलाधिपति) की अध्यक्षता में ओडिशा के सभी वर्गों के प्रमुख लोगों को सम्मिलित किया गया है. कार्य की दृष्टि से बनाए गए दोनों प्रांतों में संचालन समिति का भी गठन किया गया है.
15 जनवरी को पूर्वी ओडिशा में शुरू हुआ यह अभियान 30 जनवरी तक चलेगा. पश्चिमी ओडिशा में, यह 25 जनवरी को शुरू होगा और 10 फरवरी तक चलेगा। समिति के पदाधिकारी घर-घर जाकर संपर्क करने और निधि समर्पण में लगे हैं. कूपन और रसीदें के माध्यम से निधि संग्रह किया जा रहा है.