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हाथी का दो दांत बरामद
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तस्करों की गिरफ्तारी के लिए अधिकारियों को बनना पड़ा ग्राहक
संबलपुर। क्राइम ब्रांच की स्पेशल टास्क फोर्स ने बरेईपाली में छापामारकर हाथी दांत के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों का नाम हृषिकेश बारिक (उलुंडा-सोनपुर) एवं गोपालकृष्ण बूड़ेक (केउंटीबाहाल-चारमाल) बताया गया है। उनके पास से हाथी को दो दांत बरामद किया गया है, जिसकी अनुमानिक कीमत ढाई लाख रूपए के आसपास बताया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार एसटीएफ को खबर मिली थी कि संबलपुर समेत आसपास के अंतरिम इलाकों में जंगली पशु-पक्षियों का बखौफ शिकार किया जा रहा है और उनके अंगों को प्रदेश के बाहर निर्यात किया जा रहा है। विशेषकर ऐसे वन माफियाओं की निगाह हाथी के शिकार पर रहती है। पुख्ता सूचना मिलने पर एसटीएफ के अधिकारियों ने इस गिरोह का पर्दाफाश करने का ठाना और ग्राहक बनकर ऐसे कारोबारियों को तलाशना आरंभ किया। अंतत: एसटीएफ के अधिकारियों का संपर्क उन तस्करों से हो गया। बातचीत के दौरान ही एसटीएफ के अधिकारियों को दोनों आरोपियों ने दो हाथी दांत देने का वादा किया। बातचीत के अनुसार उन्होंने एसटीएफ के अधिकारियों को बरेईपाली बुलाया। इससे पहले एसटीएफ ने अंईठपाली पुलिस को मामले की सूचना दे दिया था। इसके बाद नाटकीय अंदाज में एसटीएफ एवं अंईठापाली पुलिस ने बरेईपाली में छापामारा और दोनों तस्करों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया। बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने एसटीएफ को कई अहम सुराग दिया है। जिसके बलपर एसटीएफ अपनी कार्रवाई को आगे बढा रही है। बताया जाता है कि बहुत जल्द इस कारोबार से जुड़े लोगों के चेहरों से नकाब उतार दिया जाएगा। दोनों आरोपियों को भुवनेश्वर ले जाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई भुवनेश्वर में ही की जाएगी। एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद वन माफियाओं में आतंक का वातावरण बन गया है। यहांपर बताते चलें कि चारमाल, किसिंडा एवं जुजुमुरा में आज भी सैकड़ो की संख्या में जंगली हाथियों का विचरण है। आए दिन उस इलाके में ट्रेन हादसे में हाथियों की मौत का समाचार प्रसारित होता रहता है। किन्तु इलाके में सक्रिय वन माफियाओं के विषय में सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती है। वन विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार उन्होंने वन अधिकारियों को वन माफियाओं की सक्रियता की जानकारी वन विभाग को दिया। इसके बावजूद उन्होंने उनपर लगाम लगाना उचित नहीं समझा। मसलन वे खुलेआम जंगल में विचरण कर रहे हैं और जंगली पशुओं का शिकार कर रहे हैं। जब्त हाथी दांत कहां से लाया गया, इसपर मंथन जारी है। बहुत जल्द मामले में कुछ और चौंकानेवाला तथ्य सामने आएगा।