भुवनेश्वर. ओडिशा में पहले चरण में 1.9 लाख चिह्नित स्वास्थ्यकर्मियों को टीका दिया जायेगा. 16 जनवरी से शुरू होने वाले कोविद टीकाकरण के लिए राज्य सरकार ने 160 टीकाकरण केंद्रों की पहचान की है. इसमें सरकारी और निजी दोनों संस्थान शामिल हैं. यह जानकारी देते हुए कोविद प्रबंधन पर राज्य सरकार के तकनीकी सलाहकार डॉ जयंत पंडा ने बताया कि प्रत्येक टीकाकरण केंद्र में अधिकतम 100 व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि टीकाकरण हर दिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा. चिह्नित लाभार्थियों को टीकाकरण के लिए निर्धारित समय पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच उन्हें सौंपे गए टीकाकरण केंद्र पर रिपोर्ट करना आवश्यक है.
टीकाकरण कार्यक्रम के लिए स्वयं को पंजीकृत करने के लिए लाभार्थियों को पहचान प्रमाण लाने की आवश्यकता होगी, ताकि टीकाकरण बूथ पर टीकाकरण हो सके. उन्होंने कहा कि अगर वह पहचानपत्र खो जाता है, तो लाभार्थी को एक और अनुमोदित पहचान प्रमाण लाना होगा, लेकिन विवरण पहले जैसा होना चाहिए, लेकिन टीकाकरण केंद्र में ड्यूटी पर अधिकारी पर निर्भर करेगा कि लाभार्थी को टीका लगाया जाएगा या नहीं. डॉ पंडा ने कहा कि यदि एक लाभार्थी अपने टीकाकरण की तिथि भूल जाता है, तो उस स्थिति में उसे टीकाकरण की तारीख के निर्धारण के लिए जिला टीकाकरण अधिकारी से संपर्क करना होगा. डॉ पंडा ने स्पष्ट किया कि कोविद वैक्सीन का कोई बड़ा या गंभीर दुष्प्रभाव नहीं हुआ है. फिर भी टीकाकरण स्थल पर दर्द, सिर में दर्द या बुखार जैसे मामूली दुष्प्रभावों की स्थिति होती है तो लाभार्थियों को ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर या सिस्टर से संपर्क करना चाहिए. यदि किसी कारणवश स्थिति गंभीर हुई तो एंबुलेंस से तुरंत नजदीकी अस्पातल में भर्ती कराया जायेगा.
डॉ पंडा ने कहा कि वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद यदि कोरोना पाजिटिव पाया जाता है तो उसे दूसरी खुराक के लिए कम से कम 14 दिनों तक या उसके लक्षणों के गायब होने तक इंतजार करना होगा. सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों के तीसरे श्रेणी के स्वास्थ्य कार्यकर्ता टीकाकरण प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति होंगे. इसके बाद माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और अंत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र होंगे. डॉ पंडा ने बताया कि टीकाकरण के बाद डॉक्टर से लेकर सुरक्षाकर्मी तक को एक अन्य स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में भर्ती किया जाएगा.