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कल्याण के लिए बोनस और अन्य सहायता के लिए 92.37 करोड़ रुपये की घोषणा
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श्रमिकों के मरणोपरांत या कुल शारीरिक विकलांगता की स्थिति में दी जाने वाली सहायता हुई राशि दोगुनी
भुवनेश्वर. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंदुपत्ता तोड़ने वाले और अन्य कर्मचारियों के कल्याण के लिए बोनस और अन्य सहायता के लिए 92.37 करोड़ रुपये की घोषणा की है. उक्त राशि में से बोनस राशि अकेले 59.78 करोड़ रुपये है. यह जानकारी यहां जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने केंदुपत्ता श्रमिकों के मरणोपरांत या कुल शारीरिक विकलांगता की स्थिति में दी जाने वाली सहायता राशि एक लाख रुपये को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया है. केंदुपत्ता विकास बोर्ड की आयोजित आनलाइन बैठक की अध्यक्षता करते हुए नवीन पटनायक ने यह घोषणा की.
बोर्ड ने केंदुपत्ता तोड़ने वाले, बाइंडिंग मजदूरों और मौसमी श्रमिकों के कल्याण और सहायता तथा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए चालू वर्ष के लिए 92.37 करोड़ रुपये मंजूर किया.
आम तौर पर गरीब लोग केंदुपत्ता संग्रह, पत्तियों के बंधन और प्रसंस्करण में लगे होते हैं. राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए लगातार प्रयास कर रही है. 2014 में एक ऐतिहासिक फैसले में राज्य सरकार ने केंदुपत्ता व्यापार से होने वाले लाभ से लाभ के बंटवारे में केंदुपत्ता प्लकर को शामिल किया था. जानकारी के अनुसार, कोविद महामारी के दौरान 60 लाख मानव-दिन बनाए जा सकते थे. हालांकि इसमें 7,54,631 केंदुपत्ता प्लकर, 18,223 बाइंडिंग मजदूरों और 165 सेशनल श्रमिकों ने इसका लाभ उठाया था. 2020 के फसल वर्ष में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में 250 करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित किए गए. वन और पर्यावरण और संसदीय मामलों के मंत्री बिक्रम केशरी अरुख, इस्पात और खान मंत्री प्रफुल्ल कुमार मल्लिक ने विचार-विमर्श में भाग लिया और अपनी राय रखी. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (केंदुपत्ता) प्रभाकर बेहरा ने बैठक के दौरान बोर्ड के कार्यक्रमों पर एक प्रस्तुति दी. अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन और पर्यावरण मोना शर्मा ने बैठक में स्वागत भाषण दिया.
मुख्यमंत्री के सचिव (5टी) वी के पांडियन और वन और पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया.