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टीकाकरण के लिए राज्य पूरी तरह से तैयार : मुख्यमंत्री
भुवनेश्वर. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा में रहने वाले लोगों से और दो महीने तक कोरोना को लेकर सतर्क रहने का आह्वान किया है. इंग्लैंड तथा यूरोप में कोरोना के दूसरे चरण का हमला शुरू हो गया है. इसके लिए कुछ देशों में पुनः लॉकडाउन जारी कर दिया गया है. वर्तमान समय में ओडिशा में भी व्यवसायिक प्रतिष्ठान से लेकर धर्मानुष्ठान तक सभी को खोल दिया गया है. बहुत जल्द ही शिक्षण संस्थान भी खुलने जा रहे हैं. ऐसे में अगले 2 महीने तक अधिक सतर्क रहने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य वासियों से आह्वान किया है. राज्य में कोरोना की स्थिति तथा टीकाकरण के बारे में समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमें अब अधिक सतर्कता के साथ कोरोना गाइड लाइन का पालन करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के सहयोग से हम कोरोना संक्रमण का मुकाबला सफलता के साथ कर रहे हैं और प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है. अधिकांश जिले में ग्रीन जोन में हैं. तेजी से बढ़ने वाले संक्रमण को रोकने में हम सफल हुए हैं. इस सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के स्वास्थ्य कर्मचारी, डॉक्टर एवं अग्रिम पंक्ति में रहकर काम करने वाले सभी कोरोना योद्धाओं को देते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है. बहुत जल्द इस परिस्थिति से हम बाहर निकल जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन लोगों के मन में नई उम्मीद लेकर आई है. इस वैक्सीन के उत्पादन में भारत दुनिया के देशों में अग्रिम पंक्ति में खड़ा है. इस टीकाकरण कार्यक्रम को सफलता के साथ कार्यकारी करने के लिए ओडिशा पूरी तरह से तैयार है.
वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में रहने वाली विभिन्न दुविधाओं को दूर करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण इस साल का सबसे बड़ा कार्यक्रम होने वाला है. ऐसे में इसका सही ढंग से संपादन होना चाहिए. जीवन जीविका कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री ने संतोष प्रकट करते हुए कमजोर वर्ग के लोगों की आजीविका पर ध्यान देने के लिए बल दिया है.
यहां उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कोरोना से मरने वाले मरीजों की संख्या नगण्य हो गई है. 30 जून 2020 से प्रदेश में नियमित लोगों की कोरोना से मौत हो रही थी मगर 6 जनवरी 2021 को यह संख्या नगण्य हो जाना तथा राज्य में स्वस्थ होने की दर 99% तक पहुंच जाना सरकार एवं प्रशासन के मेहनत का ही परिणाम है.