संबलपुर. आईआईएम संबलपुर, ओडिशा के स्थायी परिसर के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप ये भी भली-भांति जानते हैं कि संबलपुर और उसके आसपास का इलाका अपनी मिनेरल और खनन क्षमता के लिए भी जाना जाता है. हाई-ग्रेड आयरन ओर, बॉक्साइट, क्रोमाइट, मैंगनीज, कोल-लाइमस्टोन से लेकर गोल्ड, जेमस्टोन, डायमंड, यहां की प्राकृतिक संपदा को अनेक गुना बढ़ाते हैं. देश के इन प्राकृतिक संपदा का बेहतर प्रबंधन कैसे हो, कैसे ये पूरे क्षेत्र का विकास करें, लोगों का विकास करें, इसे लेकर भी आपको नए आइडियाज पर काम करना है. मोदी ने कहा कि ये मैंने आपको कुछ ही उदाहरण दिए हैं. ओडिशा में वन संपदा, खनिज, रंगबती-संगीत, आदिवासी आर्ट और क्राफ्ट, स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की कविताएं, यहां क्या नहीं हैं ओडिशा के पास. जब आप में से अनेक साथी, संबलपुरी टेक्टाइल या फिर कटक की फिलिग्री कारीगरी उस को वैश्विक पहचान दिलाने में अपने कौशल का इस्तेमाल करेंगे, यहां के टूरिज्म को बढ़ाने के लिए काम करेंगे, तो आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ ही ओडिशा के विकास को भी और गति मिलेगी और नई ऊँचाई मिलेगी. लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए आप सभी यहां के युवा साथियों को नए और इनोवेटिव समाधान तलाशने हैं. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है हमारे यहां के छात्र आत्मनिर्भरता के देश के मिशन में स्थानीय उत्पादों और अंतर्राष्ट्रीय कोलैबोरेशन के बीच, ब्रिज का काम कर सकते हैं. आप सभी का जो इतना विशाल और दुनिया के कोने-कोने में फैला पूर्व छात्रों का नेटवर्क है, वो भी इसमें बहुत मदद कर सकते हैं. साल 2014 तक हमारे यहां 13 आईआईएम थे. अब देश में 20 आईआईएम हैं. इतना बड़ा टैलेंट पूल आत्मनिर्भर भारत अभियान को बहुत विस्तार दे सकता है. इस मौके पर ओडिशा के माननीय राज्य पाल प्रोफेसर गणेशी लाल, मुख्यरमंत्री नवीन पटनायक, केन्द्री य कैबिनेट मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, धर्मेन्द्र् प्रधान, प्रताप चंद्र षाड़ंगी, ओडिशा सरकार के मंत्री, सांसद और विधायकगण, आईआईएम सम्भकलपुर की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य, डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल आदि उपस्थित थे.
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