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लिंगराज मंदिर अलग एसओपी जारी होगा

भुवनेश्वर. लिंगराज मंदिर को पुनः खोलने को लेकर बहुत जल्द ही अलग से एसओपी जारी किया जायेगा. यह जानकारी खुर्दा के जिलाधिकारी सनत कुमार मोहंती ने दी. उन्होंने कहा कि लिंगराज मंदिर प्रशासन से चर्चा के बाद लिंगराज मंदिर में भक्तों के प्रवेश के लिए अलग एसओपी जारी किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि राजधानी क्षेत्र स्थित लिंगराज मंदिर 27 दिसंबर से चरणबद्ध तरीके से खुलेगा. 27 दिसंबर से 31 दिसंबर तक केवल सेवायतों और उनके परिवार के सदस्यों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. इस दौरान कोविद-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जायेगा. मंदिर में एक और दो जनवरी 2021 को किसी को दर्शन की अनुमति नहीं होगी. तीन जनवरी से पांच जनवरी तक मंदिर केवल भुवनेश्वर के निवासियों के लिए खुला रहेगा. भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने के लिए अंतिम पाँच दिनों के दौरान प्राप्त कोविद-19 नकारात्मक रिपोर्ट दिखानी होगी. 6 जनवरी, 2021 से पूरे भारत के भक्तों को लिंगराज मंदिर में जाने की अनुमति दी जाएगी. 31 जनवरी, 2021 तक सिंघद्वार से अदाकथा तक एक समय में अधिकतम 500 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी. 31 जनवरी 2021 तक सहन दर्शन और गर्वगृह दर्शन पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा. 31 जनवरी के बाद कोरोना की स्थिति के आंकलन के भक्तों की अधिकतम संख्या पर फैसला किया जायेगा. जनता के साथ सीधे संपर्क में आने वाले जैसे कि सेवायत, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी, फूल विक्रेता, समर्थ सेवक आदि का एंटीजेन टेस्ट किया जायेगा. मंदिर के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बीएमसी आवश्यक बैरिकेडिंग करेगी और पुलिस को सौंप देगी. मंदिर के पास एंटीजेन टेस्ट सेंटर और थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर बनाये जायेंगे, जो 3 जनवरी से 15 जनवरी तक सुबह 7 से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे. मंदिर आने वाले सभी भक्तों को हर समय उचित रूप से मास्क पहनना होगा. एक-दूसरे भक्त के बीच छह फीट की सामाजिक दूरी रखनी होगी. भक्तों के लिए हाथ धोने और हैंड सेनिटाइज़र की सुविधा मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रवेश और निकास बिंदुओं पर प्रदान की जाएगी. परिसर के अंदर और बाहर थूकना प्रतिबंधित होगा. पान और गुटखा चबाना सख्त वर्जित होगा. कोरोना के लक्षण वाले भक्तों को मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. अन्य कमजोर लोगों के समूह जैसे सह-रुग्णता वाले व्यक्ति, बूढ़े व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं या 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मंदिर में न जाने की सलाह दी गयी है. विदेश से लौटे भक्तों को मंदिर में प्रवेश से पहले संगरोध या अलगाव के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. इस दौरान कोविद नियमों की अनदेखी करने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

 

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