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भुवनेश्वर को छोड़कर खुर्दा जिला में तीन से खुलेंगे सभी मंदिर

भुवनेश्वर. भुवनेश्वर नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर खुर्दा जिले में सभी धार्मिक स्थलों को 3 जनवरी से खोलने की अनुमति दे दी गई है. जिला प्रशासन ने कोविद प्रोटोकॉल के पालन के साथ जिले में धार्मिक संस्थानों को फिर से खोलने के लिए कुछ निश्चित शर्तें रखी हैं. इस संबंध में खुर्दा के जिलाधिकारी सनत कुमार मोहंती ने कल एक अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना में कुछ नियमों को निर्धारित किया गया है. इसके अनुसार, मंदिरों में भक्तों के प्रवेश के दौरान कोविद नियमों के अनुपालन को लेकर तहसीलदार की अध्यक्षता में मंदिर प्रबंधन और थाना प्रभारी की बैठक करनी होगी. मंदिरों में सुचारू रूप से दर्शन व पूजा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय राजस्व निरीक्षक संबंधित धार्मिक स्थलों में ग्राम प्रधान के साथ-साथ उसी गाँव के पुजारी व स्थानीय निकाय के साथ समन्वय करेंगे. कोविद​​-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए धार्मिक संस्थानों व धार्मिक स्थलों के बाहर और इलाके के विशिष्ट स्थानों पर सार्वजनिक सूचना प्रदर्शित की जाएगी. धार्मिक स्थलों में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी. मास्क पहनना और सेनिटाइजर का प्रयोग अनिवार्य होगा. दो व्यक्तियों के बीच छह फीट की सामाजिक या शारीरिक दूरी बनाये रखनी होगी. संबंधित धार्मिक स्थल प्रबंधन, निकाय कोविद​​-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाएंगे, जिसमें किसी भी दो व्यक्तियों के बीच न्यूनतम 6 फीट की भौतिक दूरी रखना और कतार में दर्शन करना भी शामिल होगा. धार्मिक संस्थानों या पूजा स्थलों पर थूकना दंडनीय होगा. स्थानीय पुलिस प्रशासन, तहसीलदार और धार्मिक संस्थानों के अन्य हितधारक उचित निर्णय लेंगे कि क्या स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर धार्मिक संस्थान प्रमुख अवसरों या त्योहारों पर खुले रहेंगे या नहीं. हालाँकि सामान्य पूजा व अनुष्ठान हमेशा की तरह जारी रहेगा. इस दौरान 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, सह-रुग्णता वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गयी है. यदि

धार्मिक संस्थानों या स्थान के अंदर, बाहर दर्शन या दर्शन या पूजा के दौरान कोविद-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. मंदिर खोलने को लेकर स्थानीय पुलिस स्टेशन प्रभारी, तहसीलदार एक उचित प्रवर्तन दस्ते का गठन करेंगे तथा अपने संबंधित अधिकार क्षेत्रों में धार्मिक संस्थानों व पूजा स्थलों का यादृच्छिक दौरा करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोविद-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.

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