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23 से 25 तक सेवायत और उनके पारिवारिक सदस्य कर पायेंगे दर्शन
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26 से 31 दिसंबर तक पुरी शहर के लोगों को मिलेगा मौका
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शहरवासियों की पहचान के लिए घर-घर जाकर जारी की जायेगी पर्ची
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बाहरी लोगों को देनी कोरोना नेगिटिव रिपोर्ट, शहरवासियों के लिए जरूरी नहीं
प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी
23 दिसंबर से चरणबद्ध तरीके से श्रीजगन्नाथ मंदिर के फिर से खुलने पर श्रद्धालुओं के भगवान जगन्नाथ के दर्शन की सुविधा के लिए पुरी जिला प्रशासन ने एक विस्तृत एसओपी तैयार की है. इसके अनुसार, पहले तीन दिन केवल सेवायत और उनके परिवार के सदस्यों को यहां दर्शन की अनुमति होगी. यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी कि आवंटित स्लॉट के दौरान कोई बाहरी या गैर-सेवायत मंदिर परिसर में प्रवेश न कर सकें. इसके बाद पुरी के निवासियों को 26 से 31 दिसंबर तक दूसरे चरण में दर्शन का मौका मिलेगा. मंदिर एक जनवरी और दो जनवरी 2021 को भक्तों के लिए बंद रहेगा.
आज यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पुरी कलेक्टर बलवंत सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पुरी के निवासियों को चरणबद्ध तरीके से देवताओं के दर्शन करने का मौका सुबह 7:30 बजे से शुरू होगा और जब तक दर्शन की व्यवस्था रहेगी, जब तक शाम को द्वार बंद नहीं हो जाते. सिंह ने कहा कि मंदिर में वार्ड वार निवासियों को अनुमति दी जाएगी और प्रत्येक वार्ड के लिए चार घंटे का स्लॉट बनाया जाएगा. वार्डवार सूची का निर्धारण विशुद्ध रूप से जनसंख्या और अन्य जनसांख्यिकी पर आधारित होगा और शहर के निवासियों को सुगम दर्शन की सुविधा के लिए घर-घर जाकर पर्ची जारी की जायेगी.
उन्होंने कहा कि औसतन 5 वार्डों के निवासियों को एक दिन में अनुमति दी जाएगी. सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वयंसेवकों के नेटवर्क के माध्यम से टोकन प्रत्येक परिवार के प्रमुख को सौंप दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि शहर के निवासियों को प्रवेश के लिए पर्ची के साथ आधार या मतदाता पहचान पत्र साथ लाना होगा. श्रीमंदिर के बाहर बने काउंटरों पर निवासियों के दस्तावेजों और तस्वीरों को सत्यापित किया जायेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भ्रम न हो और बाहरी लोगों के प्रवेश को रोका जा सके. काउंटर के पास सेनिटाइजर की व्यवस्था होगी. लोगों को कोविद नियमों का पालन करना होगा.
सिंह ने कहा कि राज्य और राज्य के बाहर के भक्तों का सामान्य दर्शन तीन जनवरी, 2021 से शुरू होगा. उन्होंने कहा कि पुरी में जिनके पास आईकार्ड नहीं होगा, उनके लिए नगरपालिका की तरफ से पहचान पत्र मुहैया कराया जायेगा.
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि पहले की तरह से लोग सुंदर से दर्शन करके आएंगे और कोविद नियमों का पालन करेंगे. एक नंबर वार्ड में 26 को दर्शन करने की अनुमति होगी. इससे दो दिन पूर्व दर्शन के लिए पर्ची दे दी जायेगी. सेवायतों के पास पहले से ही उनका कार्ड है. उन्होंने कहा कि हम ऐसा करके देखना चाहते हैं कि कितनी संख्या में भक्तों को दर्शन कराने के लिए व्यवस्था उपलब्ध करा पायेंगे. उन्होंने कहा कि हम टाउन के लोगों से कोविद निगेटिव प्रमाणपत्र नहीं मांग कर रहे हैं, क्योंकि हम प्रोफाइल जानते हैं, लेकिन बाहर के लिए यह जरूरी होगा. 65 साल से अधिक उम्र के लोगों और बच्चों से नहीं आने की अपील करते हैं. साथ ही बुखार और सर्दी के लक्षण वाले लोग भी नहीं आयें. उन्होंने कहा कि सुबह साढ़े सात बजे से दर्शन कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि औसतन दो से ढाई लाख लोग सामान्य दिनों में दर्शन के लिए आते थे, लेकिन हम बुजुर्गों और बच्चों को छोड़कर कुल भी की 25 फीसदी लोगों के आने की उम्मीद करेंगे. तीन के बाद यदि कोई स्थानीय लोग आना चाहते हैं तो वे आ सकते हैं, उनको रिपोर्ट दिखानी होगी. हम बुजुर्गों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं करेंगे.