Home / Odisha / अति भ्रष्ट आईएफएफ अधिकारी पाठक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए सिफारिश

अति भ्रष्ट आईएफएफ अधिकारी पाठक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए सिफारिश

  • मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र

भुवनेश्वर. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार से बहुत भ्रष्ट आईएफएस अधिकारी अभय कांत पाठक की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए सिफारिश की है. यह सिफारिश करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिया है. गुरुवार को केंद्र को लिखे अपने पत्र में सीएम नवीन ने कहा है कि यह पहली बार है कि भ्रष्टाचार के आधार पर ओडिशा सरकार द्वारा एक आईएफएस अधिकारी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए सिफारिश की गई है. अभय कांत पाठक 27 नवंबर को अपने बेटे आकाश पाठक के साथ गिरफ्तारी से पहले अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना, कार्यक्रम और वनीकरण के रूप में कार्य करते थे. वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं. उन पर 20 करोड़ से अधिक की धनराशि गलत तरीके लेने का आरोप है. आरोप है कि पाठक ने अपने बेटे आकाश पाठक के बैंक खातों में अपनी अघोषित संपत्ति का नकद जमा कर रहे थे और अपने बेटे को टाटा मोटर्स के एमडी के रूप में धोखाधड़ी करने में मदद कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनके बेटे को भी क्राइम ब्रांच ने जालसाजी, धोखाधड़ी और बेरोजगार युवाओं को टाटा मोटर्स में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम लेकर ठगी करने के मामले में गिरफ्तार किया है. इस मामले में टाटा मोटर्स द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पाठक स्वयं मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू जैसी उच्च-ब्रांड की महंगी कारों का उपयोग कर रहे थे. लॉकडाउन अवधि के दौरान वह और उसका बेटा चार्टर्ड विमानों में पूरे भारत में उड़ रहे थे और शानदार होटलों में रह रहे थे. पिता और पुत्र दोनों अपनी संपत्ति को दिखाने के लिए निजी सुरक्षा गार्ड व बाउंसर का उपयोग कर रहे थे. ओडिशा सतर्कता विभाग की टीम ने भुवनेश्वर, बिहार के एक स्थान पर, मुंबई और पुणे में एक साथ 25 और 26 नवंबर को छापेमारी की थी. इसके लिए भुवनेश्वर में विशेष न्यायाधीश, सतर्कता के न्यायालय द्वारा सर्च वारंट जारी किया गया था. प्रारंभिक जांच से सतर्कता विभाग से पता चला है कि 1987 बैच के इस आईएफएस अधिकारी के पास 9.35 करोड़ रुपये की अनुपातहीन संपत्ति थी, जो उनके सभी ज्ञात स्रोतों से कुल आय का लगभग 435% अधिक थी. 27 नवंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद पाठक ने 4 दिसंबर को उड़ीसा उच्च न्यायालय का रुख किया था. पाठक और उनके बेटे आकाश के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *