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परी मामले में नया मोड़, जांच के दौरान बोथरा पर पांच लाख देने का आरोप

  • एक युवक ने किया दावा, अपराध स्वीकार करने और खुद के ऊपर दोष लेने के लिए पांच लाख देने के लिए की पेशकश

  • खुद को बताया निर्दोष, फंसाने का लगाया आरोप

भुवनेश्वर. परी हत्या मामले में एक नया मोड़ आ गया है. एक युवक ने विशेष जांच दल प्रमुख अरुण बोथरा पर ही उल्टा आरोप लगाया है कि उन्होंने अपराध स्वीकार करने और खुद के ऊपर दोष लेने के लिए पांच लाख रुपये देने की पेशकश की है. उल्लेखनीय है कि ओडिशा क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने उड़ीसा उच्च न्यायालय को एक हलफनामा प्रस्तुत किया है, जिसमें कहा गया कि परी को मारने से पहले बलात्कार किया गया था. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के हवाले से सूत्रों ने कहा था कि प्रधान अपराधी की पहचान कर ली गई है और वह उसी गांव का निवासी है. अब नयागढ़ जिले के जदुपुर गांव के एक सरोज सेठी ने बोथरा पर अपराध स्वीकार करने और खुद पर दोष लेने के लिए 5 लाख रुपये देने का आरोप लगाया है. सेठी ने कहा कि वह दोषी नहीं है और मामले में उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है. उसने कहा है कि जिस कारण से वे मुझ पर शक कर रहे हैं, वह तथ्य यह है कि परी अपहरण होने से एक दिन पहले हमारे घर आयी थी. जांच टीम ने मेरे घर से मेरे रक्त और स्वाब के नमूने और कपड़े एकत्र किए. चूंकि मैं 18 साल का हूं, अरुण बोथरा ने मुझे यह कहते हुए पांच लाख रुपये की पेशकश की कि वे दोषमुक्त करने के लिए मेरी उम्र कम कर देंगे और यह साबित करने के लिए 17 साल का कर देंगे कि मैं एक किशोर हूं, जो मेरे खिलाफ आरोपों को और जेल की अवधि को भी सीमित कर देगा. सरोज ने दोहराया कि मेरी गलती नहीं है. मैं इसमें शामिल नहीं हूं, मुझे कुछ भी पता नहीं है. उसने कहा कि अगर मेरे या मेरे परिवार के साथ कुछ भी होता है, तो अरुण बोथरा को जिम्मेदार होंगे. उल्लेखनीय है कि एसआईटी ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किए गए अपने हलफनामे में उल्लेख किया है कि हत्या से पहले नाबालिग से पहले बलात्कार किया गया था. मीडिया में चल रही खबरों में बताया गया था कि मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गई है. वह मृतक के मूल स्थान नयागढ़ जिले के जदुपुर गांव का निवासी है. एसआईटी ने अपने हलफनामे में कहा है कि हत्या का मकसद बलात्कार था. जांच में पता चला कि हत्या करने से पहले परी को नग्न कर दिया गया था. उसके कपड़ों से एकत्र किए गए नमूनों की पुष्टि की हुई है कि उसका बलात्कार किया गया था. एसआईटी ने सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है. महाधिवक्ता ने अदालत को मामले की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बारे में सूचित किया. कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है और याचिका पर अगली सुनवाई 24 दिसंबर को निर्धारित की है. अरुण बोथरा की अगुवाई वाली एसआईटी ने 2 दिसंबर को नायागढ़ जिले के जदुपुर में गांव के प्रमुख आरोपी बबुली नायक से पूछताछ कर अपनी जांच शुरू की. एसआईटी सदस्यों ने जिला पुलिस के साथ भी विचार-विमर्श किया था, जो इससे पहले मामले की जांच कर रही थी. पीड़िता के माता-पिता ने हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा भवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था. इसके बाद परी के अपहरण और उसके बाद हत्या से राज्यव्यापी आक्रोश फैल गया था. नयागढ़ जिले के जदुपुर गांव की पांच वर्षीय लड़की परी का इस साल 14 जुलाई को उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह अपने घर के बाहर खेल रही थी. इसके नौ दिन बाद उसके घर के पिछवाड़े से उसके कंकाल के अवशेष बरामद किए गए थे. उसकी हत्या के पीछे एक मानव अंग तस्करी सिंडिकेट की संलिप्तता का आरोप उठा है.

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