Home / Odisha / लिंगराज मंदिर के मामलों के बेहतर प्रबंधन के लिए बहुप्रतीक्षित अध्यादेश को मंजूरी

लिंगराज मंदिर के मामलों के बेहतर प्रबंधन के लिए बहुप्रतीक्षित अध्यादेश को मंजूरी

भुवनेश्वर. ओडिशा कैबिनेट ने सोमवार को लिंगराज मंदिर के मामलों के बेहतर प्रबंधन के लिए बहुप्रतीक्षित अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. जैसा कि ओडिशा विधानसभा सत्र में नहीं चल रहा है ऐसे में नए विशेष अधिनियम को इस अध्यादेश के माध्यम से अधिनियमित किया जाना प्रस्तावित है. राज्य मंत्रिमंडल ने एक समिति के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है, जो लिंगराज मंदिर, अन्य मंदिरों और मठों के मामलों के प्रबंधन के लिए बेहतर प्रशासन और शासन का प्रबंधन करेगी. लिंगराज मंदिर अधिनियम पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर के अनुरूप होगा. वर्तमान में लिंगराज मंदिर ओडिशा हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम, 1951 द्वारा शासित है. 15 सदस्यों की प्रबंध समिति बनाई जाएगी और मंदिर-सेवा और पूजा-पाठ सहित मंदिर के मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार दिया जाएगा. समिति परिसर और मठों के बाहर मंदिरों सहित मंदिर और उसकी संपत्ति का प्रबंधन करेगी. अलग कानून मंदिर और उसकी संपत्ति के अनुष्ठानों, प्रबंधन और प्रशासन के उचित निष्पादन में सहायक होगा. राज्य सरकार के अधिकारियों ने दावा किया कि इससे मंदिर के मामलों का बेहतर और उचित प्रबंधन होगा और श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. अध्यादेश लिंगराज मंदिर की संपत्ति की सुरक्षा के लिए समिति को सशक्त करेगा. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रबंध समिति के गठन, इसकी संरचना, जिम्मेदारियों और शक्ति, प्रशासक की जिम्मेदारियों और शक्ति, रखरखाव और मंदिर के चल और अचल संपत्तियों के प्रबंधन, के सभी प्रासंगिक पहलुओं को कवर करते हुए प्रस्तावित अध्यादेश में विस्तृत प्रावधान किए गए हैं. अध्यादेश स्पष्ट रूप से सेवादारों की भूमिका और जिम्मेदारियों, मंदिर निधि के गठन और इसके प्रबंधन को स्पष्ट रूप से परिभाषित करेगा.

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *