भुवनेश्वर. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत ने गोपालपुर के विधायक प्रदीप पाणिग्रही की जमानत याचिका खारिज कर दी. विधायक प्रदीप पाणिग्रही एसडीजेएम की अदालत के आदेश से 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में हैं. इन्होंने खुर्दा जिला व सत्र न्यायालय में जमानत याचिक दाखिल की थी. यहां एडीजे (3) द्वारा कल शाम उसकी याचिका को खारिज कर दिया. इन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और षड्यंत्र के आरोप हैं. उन्हें क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार 4 दिसंबर को गिरफ्तार किया था. इसके बार राज्य में राजनीति गरमा गयी है. विपक्ष के तल्ख तेवर को देखते हुए विधायक प्रदीप प्राणीग्राही के भ्रष्टाचार के आरोपों की लोकायुक्त से जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सिफारिश की है. लोकायुक्त गठन के बाद राज्य सरकार पहली बार किसी भी भ्रष्टाचार मामले की जांच लोकायुक्त करने की सिफारिश की है. उल्लेखनीय है कि टाटा कंपनी में नौकरी कराने के नाम पर विधायक प्रदीप पाणिग्रही व उनके होने वाले दामाद तथा आईएफएस अधिकारी अभय कांत पाठक के पुत्र आकाश पाठक पर पैसे वसूलने संबंधी आरोप लगा था. इस घटना के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रदीप को पार्टी से बहिष्कार कर दिया था. बाद में क्राइम ब्रांच ने प्रदीप को उनके सरकारी आवास से उठा लिया था. गिरफ्तार होने के बाद वह न्यायिक हिरासत में झारपड़ा जेल में हैं.
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