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लगातार पांचवें दिन भी विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर गतिरोध
भुवनेश्वर. नयागढ़ की नाबालिक लड़की परी की हत्या के मामले में भारतीय जनता पार्टी ने सीबीआई जांच व कृषि मंत्री की त्यागपत्र की मांग पर रविवार की भी अड़ी रही. रविवार को भी मुख्य विपक्षी भाजपा ने शुरू से ही इस मांग को लेकर हंगामा जारी रखा. इस मुद्दे को लेकर लगातार पांचवें दिन भी सदन में गतिरोध जारी रहा. इस कारण विधानसभा की कार्यवाही बाधित हुई. सदन में गतिरोध को समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पत्र ने सुबह 10:53 से 11:30 बजे तक व बाद में 12.08 से दोपहर तीन बजे तक सदन को स्थगित कर दिया. भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने 2020-21 के लिए एप्रोप्रिएशन बिल पेश किया. निर्धारित समय सुबह 10:30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के विधायक हाथों में प्लाकार्ड लिए सदन के बीच में आ गए. उन्होंने परी हत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने तथा इस मामले में संदेह के घेरे में आ रहे कृषि मंत्री से त्यागपत्र की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे. उन्होंने कहा कि इन दोनों मांगों को पूरा करने के बाद ही सदन की कार्यवाही संभव सामान्य हो सकती है. विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने भाजपा विधायकों से अनुरोध किया कि वह अपने-अपने सीटों पर चले जाएं, ताकि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाई जा सके, लेकिन इस अनुरोध का भाजपा विधायकों पर किसी प्रकार का असर नहीं दिखा. वे नारेबाजी करते रहे. लेकिन विधायकों के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल का कार्यक्रम शुरू कर दिया. कुछ विधायकों ने शून्य काल में कुछ मुद्दे उठाए, लेकिन भाजपा विधायकों ने हंगामा जारी रखा. वे विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम पर चढ़ने का भी प्रयास करते रहे. गतिरोध बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने 22:57 से 11:30 तक सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दी. इस दौरान भाजपा विधायक विधानसभा परिसर में स्थित गांधी मूर्ति के सामने धरने पर बैठे और मामले की सीबीआई जांच की मांग की. 11:30 बजे फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई. प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने अपने दोनों मांगों को लेकर हंगामा जारी रखा. विधानसभा अध्यक्ष पात्र ने वित्त मंत्री निरंजन पुजारी को 2020-21 वित्तीय वर्ष के लिए एप्रोप्रिएशव बिल पेश करने के लिए कहा. विधानसभा अध्यक्ष के निर्देशानुसार वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने 2020-21 वित्तीय वर्ष के लिए 11 हजार सात सौ करोड़ रुपये का एप्रोप्रिएशन बिल पेश किया. इसके बाद इस पर चर्चा शुरू हुई. कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने चर्चा का प्रारंभ करते हुए कहा कि इस सरकार में खनिज से लेकर बालू पानी जमीन आदि घोटाले हुए हैं. खनिज खनिज घोटाले को लेकर कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन सरकार से राजी नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी चरम पर है और हजारों की संख्या में पद खाली हैं. उन्होंने कहा कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी भ्रष्ट हो चुके हैं. यह सरकार अमीर और खनिज मालिकों के लिए है ना कि गरीब लोगों के लिए. भाजपा विधायकों ने इस चर्चा में भाग नहीं लिया और वह हंगामा जारी रखा. इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने 3:00 बजे तक सदन को स्थगित कर दिया.